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सुप्रीम कोर्ट का क्लैट-2020 परीक्षा रद करने से इनकार, कहा- याचिकाकर्ता समाधान समिति को दें शिकायतें

सुप्रीम कोर्ट ने बीते 28 सितंबर को हुई क्लैट-2020 (CLAT-2020) की परीक्षा में कथित तकनीकी गड़बड़ी के चलते इसे रद करने से इनकार कर दिया है। हालांकि अदालत ने याचिकाकर्ताओं को कहा है कि वे अपनी शिकायतें समस्या समाधान समिति को सौंपें।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 09 Oct 2020 05:56 PM (IST)Updated: Fri, 09 Oct 2020 05:59 PM (IST)
सुप्रीम कोर्ट का क्लैट-2020 परीक्षा रद करने से इनकार, कहा- याचिकाकर्ता समाधान समिति को दें शिकायतें
सुप्रीम कोर्ट ने क्लैट-2020 (CLAT-2020) की परीक्षा को रद करने से इनकार कर दिया है।

नई दि‍ल्‍ली, पीटीआइ। सुप्रीम कोर्ट ने 28 सितंबर को हुई क्लैट-2020 (Common Law Admission Test, CLAT-2020) की परीक्षा में कथित तकनीकी गड़बड़ी के चलते इसे रद करने या इसकी काउन्सलिंग प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। हालांकि शीर्ष अदालत ने शिकायत कर्ता उन पांच अभ्यर्थियों को यह भी सलाह दी है कि वे दो दिन के भीतर अपनी शिकायतें समस्या समाधान समिति को सौंपें। अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता दो दिन के भीतर अपनी शिकायतें पेश भेजेंगे और शिकायत समाधान समिति इन पर फैसला लेगा।

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नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज (National Law Universities, NLUs) की ओर से अधिवक्ता पीएस नरसिम्हन ने जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एमआर शाह की पीठ को बताया कि परीक्षा से संबंधी शिकायतों के लिए सेवानिवृत्त प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता में शिकायत समाधान समिति है। यह समिति इन याचिकाओं के मसले पर विचार कर सकती है। इस पर अदालत ने अपने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता आज से दो दिन के भीतर अपनी शिकायतें शिकायत समाधान समिति को भेजें। समिति ही इन शिकायतों पर फैसला लेगी।

याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्‍ता गोपाल शंकरनारायणन ने पैरवी की। उन्‍होंने कहा कि ऑन लाइन परीक्षा में तकनीकी गड़बड़ी थी और कुछ सवालों के जवाब सही नहीं थे। उन्होंने दावा किया कि सॉफ्टवेयर ने कुछ जवाबों को सही तरीके से दर्ज नहीं किया। क्लैट के विभिन्न पहलुओं को लेकर करीब 40 हजार पत्तियां मिली हैं। यही नहीं करीब 19 हजार आपत्तियों के बारे में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज (National Law Universities, NLUs) के कंसोर्टियम की ओर से तो कोई जवाब भी नहीं मिला है। यहां तक कि प्रश्‍न पत्रों और जवाब तालिका में अनेक गलतियां हैं।

NLUs की ओर से अधिवक्ता पीएस नरसिम्हन ने कहा कि महामारी के दौरान एक अंतहीन काउन्सलिंग संभव नहीं है। पूर्व प्रधान न्यायाधीश एस राजेन्द्र बाबू की अध्यक्षता में समिति बनी है। वह गंभीर शिकायतों पर गौर करेगी। तमाम दलीलों और बहस के बाद अदालत ने अपने फैसले में कहा कि हम काउन्सलिंग को नहीं रोक सकते हैं। यह परेशानी का समय है। बता दें कि क्लैट (Common Law Admission Test, CLAT) देश के 23 राष्ट्रीय विधि विश्‍वविद्यालयों (National Law Universities, NLUs) में कानून की पढ़ाई के लिए केंद्रीयकृत राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा है।  


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