गवाह संरक्षण योजना के अमल के लिए तैयार सुप्रीम कोर्ट
शीर्ष न्यायालय ने कहा कि वह जल्द ही राज्यों को गवाह संरक्षण योजना का मसौदा लागू करने का निर्देश देगा।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट गवाह संरक्षण योजना के अमल के लिए तैयार है। शीर्ष न्यायालय ने सोमवार को कहा कि वह जल्द ही राज्यों को गवाह संरक्षण योजना का मसौदा लागू करने का निर्देश देगा। बता दें कि केंद्र ने राष्ट्रीय न्यायिक सेवाएं प्राधिकरण के साथ विचार- विमर्श के बाद इसे तैयार किया है।
अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस अब्दुल नजीर की पीठ को बताया कि योजना का मसौदा तैयार कर लिया गया है और उसे जल्द ही कानून का रूप दे दिया जाएगा। हालांकि तब तक कोर्ट इसे लागू करने का निर्देश जारी करे। इस पर पीठ ने उनसे कहा, 'वह अतिशीघ्र सभी राज्यों को इसे लागू करने का निर्देश जारी करेगा।' बता दें कि गवाहों को सुरक्षा प्रदान करने का मुद्दा सबसे पहले उस समय उठा था, जब कथावाचक आसाराम बापू से जुड़े दुष्कर्म मामले में गवाहों की सुरक्षा के लिए दायर जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा था।
इस मामले में न्याय मित्र की भूमिका निभा रहे गौरव अग्रवाल ने कहा कि इस योजना में धमकी और खतरे के अनुमान के आधार पर गवाहों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है। राज्यों को शीघ्र ही इस पर अमल शुरू कर देना चाहिए। केंद्र ने इस साल अप्रैल में कोर्ट को सूचित किया था कि उसने गवाह संरक्षण योजना का मसौदा तैयार किया था और इस पर राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों से विचार मांगे गए हैं।
पिछले साल नवंबर में कोर्ट ने सरकार से जानना चाहा था कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी कानून में स्पष्ट प्रावधान के बावजूद देश में अभी तक गवाहों की सुरक्षा के लिए किसी योजना का मसौदा क्यों नहीं तैयार किया गया? कोर्ट का कहना था कि कम से कम संवेदनशील मामलों के गवाहों के लिए गवाह संरक्षण योजना लागू की जा सकती है और इस संबंध में गृह मंत्रालय विस्तृत योजना तैयार कर सकता है।