कोरोना के मद्देनजर शराब पीने पर रोक लगाने के लिए SC में याचिका, प्रतिरोधक क्षमता पर असर का खतरा
याचिका में कहा गया है कि कोरोनो महामारी के दौरान शराब के सेवन से प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होती है आक्रामकता बढ़ती है और मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर तेजी से बढ़ रही कोरोना संक्रमण की महामारी के मद्देनजर शराब व दूसरे मादक पदाथरें के सेवन पर रोक लगाने की मांग की गई है। भाजपा नेता व वकील अश्रि्वनी कुमार उपाध्याय की तरफ से दाखिल याचिका में कहा गया है कि कोरोनो वायरस महामारी के दौरान शराब के सेवन से प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होती है, आक्रामकता बढ़ती है और इससे मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है।
याचिका में कहा गया है कि शराब व अन्य मादक पदाथरें का सेवन संचारी और गैरसंचारी रोगों के साथ-साथ व्यक्ति के मानसिक असंतुलन से भी जुड़ा है। इनके सेवन से व्यक्ति कोरोना संक्रमण का सहज शिकार बन जाता है। ये व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करते हैं और स्वास्थ्य के प्रतिकूल परिणामों के खतरे को बढ़ाते हैं।
ई-कॉमर्स वेबसाइट Amazon India को अल्कोहल की होम डिलीवरी के लिए अनुमति मिल गई है। अमेजन को अभी पश्चिम बंगाल में अल्कोहल की होम डिलीवरी की अनुमति मिली है। यह अनुमति पश्चिम बंगाल स्टेट बेवरेजेस कॉरपोरेशन द्वारा दी गई है। कोरोना वायरस महामारी के इस दौर में लोगों को अल्कोहल की होम डिलीवरी की सुविधा मिलने से शराब की दुकानों के बाहर भीड़ में कमी आने की उम्मीद है।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए 25 मार्च से लागू हुए देशव्यापी लॉकडाउन के शुरुआती चरणों में शराब की दुकानें भी बंद रही थीं। इससे राज्य सरकारों को शराब (liquor) की बिक्री से प्राप्त होने वाले राजस्व में बड़ा नुकसान उठाना पड़ा था। उसके बाद कुछ राज्यों ने लॉकडाउन के दौरान शराब की दुकानों को खोलने का फैसला लिया था। लेकिन इससे शराब की दुकानों के बाहर ग्राहकों की भारी भीड़ देखने को मिली और कई जगह शारीरिक दूरी के नियम टूट गए। इसके बाद से ही शराब की होम डिलीवरी की मांग ने जोर पकड़ लिया था।