सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को किया स्पष्ट, इतालवी नाविकों का मामला बंद करने से पहले पीड़ितों को सुनेंगे
सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया कि इटली ने भारत सरकार को इन नाविकों के खिलाफ मुकदमा चलाने का भरोसा दिलाया है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से स्पष्ट कर दिया कि 2012 में दो भारतीय मछुआरों की गोली मारकर हत्या करने के आरोपित दो इतालवी नाविकों के मामले को बंद करने की उसकी याचिका पर पीड़ित परिवारों का पक्ष सुने बिना कोई आदेश पारित नहीं किया जाएगा। अदालत ने यह भी कहा कि पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा मिलना चाहिए।
प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे, जस्टि एएस बोपन्ना और जस्टिस वी. रामासुब्रमणियन की पीठ ने केंद्र सरकार को इस घटना में मारे गए मछुआरों के परिवार को पक्षकार बनाते हुए इतालवी नाविकों के मामले को बंद करने की नई याचिका दायर करने की अनुमति दी।
सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया कि इटली ने भारत सरकार को इन नाविकों के खिलाफ मुकदमा चलाने का भरोसा दिलाया है। इस घटना का शिकार हुए मछुआरों के परिवारों को समुचित मुआवजा दिए जाने पर जब पीठ ने जोर दिया तो मेहता ने कहा कि केंद्र सरकार यह सुनिश्चित करेगी की पीड़ित परिवारों को अधिकतम मुआवजा दिया जाए।
पीड़ित परिवारों को मिले पर्याप्त मुआवजा
इस मामले की सुनवाई शुरू होते ही पीठ ने इन नाविकों पर मुकदमा चलाने के लिए उठाए गए इटली के कदमों की सराहना की लेकिन न्यायालय ने कहा कि वह पीड़ित परिवारों के लिए समुचित मुआवजे के विषय पर बात कर रही है जो पीड़ित परिवारों को दिया जाना चाहिए। पीठ ने कहा, 'हम चाहते हैं कि पीड़ित परिवारों को पर्याप्त मुआवजा दिया जाए।'
शीर्ष अदालत ने विशेष अदालत में इतालवी नाविकों का मामला लंबित होने का जिक्र किया और सवाल किया कि वहां मुकदमा वापस लेने के लिए आवेदन के बगैर केंद्र कैसे मामला बंद कराने के लिए यहां आ सकता है। मेहता ने जवाब दिया कि शीर्ष अदालत ने पहले कहा था कि विशेष अदालत की कार्यवाही विलंबित रखी जाए। पीठ ने कहा, 'आप वहां मुकदमा वापस लेने का आवेदन कर सकते हैं। पीड़ित परिवारों को इसका विरोध करने का अधिकार है। पीडि़तों के परिवार यहां पक्षकार भी नहीं हैं। हम पीडि़त परिवारों को सुने बगैर कोई आदेश पारित नहीं करेंगे।'
कार्यवाही बंद करने के लिए दायर किया गया था आवेदन
केंद्र ने तीन जुलाई को शीर्ष अदालत में इतालवी नाविकों के खिलाफ चल रही कार्यवाही बंद करने के लिये एक आवेदन दायर किया था। केंद्र ने कहा था कि उसने हेग स्थित पंचाट की स्थाई अदालत का 21 मई, 2020 का फैसला स्वीकार कर लिया है कि भारत इस मामले में मुआवजा पाने का हकदार है लेकिन नाविकों को प्राप्त छूट की वजह से वह इन पर मुकदमा नहीं चला सकता।
भारत ने इटली के तेल टैंकर एमवी एनरिका लेक्सी पर तैनात दो इतालवी नाविकों -सल्वाटोरे गिरोने और मैस्सीमिलियानो लटोरे- पर भारत के आíथक क्षेत्र में 15 फरवरी 2012 को मछली पकड़ने वाली नौका में सवार दो भारतीय मछुआरों की गोली मार कर हत्या करने का आरोप लगाया था।