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सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों को एहतिहयात के तौर पर अलग-अलग बैठने की सलाह : सीजेआइ

उच्चतम न्यायालय को सात सितंबर को सूचित किया गया था कि अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल पृथकवास में हैं क्योंकि उनके स्टाफ का एक सदस्य कोविड-19 संक्रमित मिला था।

By Tilak RajEdited By: Published: Thu, 10 Sep 2020 06:09 AM (IST)Updated: Thu, 10 Sep 2020 06:09 AM (IST)
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों को एहतिहयात के तौर पर अलग-अलग बैठने की सलाह : सीजेआइ
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों को एहतिहयात के तौर पर अलग-अलग बैठने की सलाह : सीजेआइ

नई दिल्ली, प्रेट्र। मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने कहा कि कोविड-19 महामारी के समय एहतियाती उपाय के रूप में उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों को वीडियो कॉन्‍फ्रेंस के माध्यम से सुनवाई के दौरान अलग-अलग बैठने की सलाह दी गई है। प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने मुंबई की तटीय सड़क परियोजना से संबंधित मामले की सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की। पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे से कहा कि इस मामले में किसी अन्य दिन सुनवाई की जाएगी।

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मुख्य न्यायाधीश ने कहा, 'हम किसी और दिन सुनवाई (इस मामले की) करेंगे, क्योंकि आज हमें कुछ दिक्कत है। हमें अलग-अलग बैठने की सलाह दी गयी है। मैं उम्मीद करता हूं कि सबकुछ ठीक है। ऐहतियात के तौर पर हममें से अधिकतर अलग-अलग बैठ रहे हैं।' प्रधान न्यायाधीश ने आगे कहा कि अभी तक सबकुछ ठीक है और एहतियात के तौर पर वे अलग-अलग बैठ रहे हैं।

इस मामले में पेश हुए सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि सब कुछ ठीक होगा। इस पर प्रधान न्यायाधीश ने टिप्पणी की, 'उम्मीद है।' मुख्य न्यायाधीश बुधवार को अपने चैंबर से पीठ की अध्यक्षता कर रहे थे, जबकि दो अन्य न्यायाधीश न्यायालय में बैठे दिखाई पड़ रहे थे। न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा और न्यायमूर्ति केएम जोसफ, जो एक पीठ के सदस्य हैं, अपने-अपने चैंबर से न्यायालय की कार्यवाही कर रहे थे। उच्चतम न्यायालय को सात सितंबर को सूचित किया गया था कि अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल पृथकवास में हैं, क्योंकि उनके स्टाफ का एक सदस्य कोविड-19 संक्रमित मिला था।

गौरतलब हे कि भारत में रोजाना बड़ी संख्या में सामने आ रहे संक्रमित लोगों के चलते सक्रिय मरीजों का आंकड़ा नौ लाख को पार कर गया है। 60 फीसद से अधिक सक्रिय केस सिर्फ पांच राज्यों में ही हैं। हालांकि, कुल मामलों में से ठीक होने वाले मरीजों की बात करें तो यह आंकड़ा करीब 78 फीसद पर पहुंच गया है। यह दर्शाता है कि देश में रोजाना बड़ी संख्या में मरीज ठीक भी हो रहे हैं। 74 हजार से अधिक लोगों की अब तक मौत हुई है।


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