सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका की सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश ने खुद को अलग किया
जस्टिस एस अब्दुल नजीर और जस्टिस इंदू मल्होत्रा ने 25 जून को पक्षकार बनने की याचिका किसी अन्य पीठ के समक्ष रखने के लिए कहा।
नई दिल्ली, प्रेट्र। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के एक अधिकारी पर आय से अधिक संपत्ति का आरोप लगाने के मामले में सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका की सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश इंदू मल्होत्रा ने खुद को अलग कर लिया है। यह अधिकारी एयरसेल-मैक्सिस सौदे में गड़बड़ी की जांच कर रहे हैं।
- एयरसेल-मैक्सिस सौदे की जांच को लंबित करने का आरोप
अवकाशकालीन पीठ के समक्ष स्वामी ने बताया कि रजनीश कपूर ने याचिका देकर ईडी ऑफीसर राजेश्वर सिंह की संपत्ति की जांच की मांग की है। स्वामी ने इसे एयरसेल-मैक्सिस सौदे की जांच में विलंब करने की कोशिश करार दिया। मामले में पांच जून की सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने अतिरिक्त महाधिवक्ता मनिंदर सिंह ने सहयोग मांगा था।
जस्टिस एस अब्दुल नजीर और जस्टिस इंदू मल्होत्रा ने 25 जून को पक्षकार बनने की याचिका किसी अन्य पीठ के समक्ष रखने के लिए कहा। जस्टिस मल्होत्रा ने बिना कोई कारण बताए खुद को सुनवाई से अलग कर लिया है।
इससे पहले सुनवाई के दौरान सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि शीर्ष अदालत ने इस साल की शुरुआत में सुनवाई के दौरान निर्देश दिया था कि एयरसेल-मैक्सिस सौदे की जांच छह महीने में पूरी की जाए।
उन्होंने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय के इस अधिकारी को पूर्व में भी शीर्ष अदालत ने कई मौकों पर राहत दी है। इस बार जांच को लंबित करने के लिए जांचकर्ता अधिकारी पर आय से ज्यादा संपत्ति का आरोप लगाया गया है। स्वामी ने कहा कि इस सारी कवायद के पीछे ताकतवर लोग हैं। इसलिए उक्त याचिका में उन्हें भी पक्षकार बनने की अनुमति दी जाए। एयरसेल-मैक्सिस सौदा 2 जी स्पेक्ट्रम से संबंधित है।