पेगासस मामला: केंद्र को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस, दस दिन के भीतर मांगा जवाब
सुप्रीम कोर्ट ने पेगासस के कथित इस्तेमाल की कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग करने वाली जनहित याचिकाओं पर केंद्र को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने केंद्र से 10 दिन के अंदर जवाब देने को कहा है।
नई दिल्ली, जेएनएन। सु्प्रीम कोर्ट में मंगलवार को पेगासस मामले में जांच की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की गई। कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब की मांग की है। इसके लिए 10 दिन का समय भी दिया गया है। अब मामले में 10 दिन बाद फिर से सुनवाई की जाएगी। सुनवाई के दौरान सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, 'भारत सरकार कमिटी को हर बात बताएगी। हलफनामे में यह सब नहीं बताया जा सकता। कमिटी कोर्ट को रिपोर्ट देगी।' मामले की सुनवाई कर रहे चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा, 'हम राष्ट्रीय सुरक्षा से कोई समझौता नहीं चाहते हैं। संवेदनशील बातें नहीं पूछ रहे हैं।'
पेगासस जासूसी कांड की जांच मांगने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को जारी किया नोटिस। कोर्ट ने सरकार को जवाब देने के लिए दिया 10 दिन का वक्त। मामले में 10 दिन बाद फिर सुनवाई होगी।@JagranNews
— Mala Dixit (@mdixitjagran) August 17, 2021
भारत के चीफ जस्टिस एनवी रमना और जस्टिस सूर्यकांत और अनिरुद्ध बोस की बेंच ने मामले की सुनवाई की। कोर्ट ने कहा, 'मामले को 10 दिनों के बाद सूचीबद्ध किया जाएगा।' केंद्र सरकार ने कोर्ट से कहा कि वह विशेषज्ञ समिति को पेगासस के बारे में विवरण देने को तैयार है, लेकिन इसे कोर्ट के समक्ष सार्वजनिक नहीं करेगी क्योंकि इससे राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रभाव पड़ सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने आज मामले में केंद्र को नोटिस जारी किया साथ ही यह स्पष्ट कर दिया कि यह ऐसी किसी बात का खुलासा नहीं चाहता जिसमें देश की सुरक्षा पर खतरा हो। सुनवाई के दौरान सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सोमवार को केंद्र की ओर से कोर्ट में दायर किए गए हलफनामा को पर्याप्त बताया और कहा, 'पेगासस मामले में सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई सभी याचिका में यह जानकारी मांगी गई है कि सरकार ने पेगासस का प्रयोग किया या नहीं। सामान्यत: ऐसे साफ्टवेयर का इस्तेमाल सरकार नहीं करती और वह कोर्ट से कुछ नहीं छिपा रही है।'
सालिसीटर जनरल ने बताया कि मामले में जांच के लिए सरकार विशेषज्ञों की एक कमिटी का गठन करने जा रही है।