तीसरी लहर में प्रवासी मजदूरों को भोजन पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
कोरोना महामारी की तीसरी लहर और उसके चलते देश के कुछ हिस्सों में लगाई गई पाबंदियों के चलते परेशान प्रवासी मजदूरों को भोजन और अन्य सुविधाएं मुहैया कराने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करने को तैयार है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि वह ओमिक्रोन के चलते आई कोरोना महामारी की तीसरी लहर और उसके चलते देश के कुछ हिस्सों में लगाई गई पाबंदियों के चलते परेशान प्रवासी मजदूरों को भोजन और अन्य सुविधाएं मुहैया कराने की याचिका पर सुनवाई करेगा। सामाजिक कार्यकर्ताओं की तरफ से दायर अंतरिम आवेदन में इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व आदेश को लागू करने की मांग की गई है।
अंजली भारद्वाज, हर्ष मंदर और जगदीप छोकर की तरफ से पेश वकील प्रशांत भूषण के मामले में जल्द सुनवाई के आग्रह पर प्रधान न्यायाधीश (सीजेआइ) एनवी रमना ने कहा, 'मुझे देखने दीजिए।' भूषण ने कहा कि यह प्रवासी मजदूरों के लिए भोजन का मामला है। इसी अदालत ने मजदूर की परेशानियों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए सूखे अनाज और सामुदायिक रसोई से संबंधित निर्देश जारी किए थे।
सात महीने गुजर गए हैं और किसी भी निर्देश का पालन नहीं किया गया है और ओमिक्रोन के चलते एक बार फिर वैसी ही स्थिति पैदा हो गई है। लाकडाउन जैसे हालात में प्रवासी मजदूरों को फिर मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। याचिका में केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट के पूर्व के निर्देशों के अनुपालन पर स्थिति रिपोर्ट दायर करने का निर्देश देने की मांग की गई है। केंद्र से यह भी बताने को कहा गया है कि उसने प्रवासी मजदूरों के लिए खाद्य योजना को लागू करने के लिए राज्यों को कितना अनाज उपलब्ध कराया है।
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना से मौत पर मुआवजे की अदायगी में राज्यों की हीलाहवाली और देरी पर गहरी नाराजगी जताते हुए बुधवार को आंध्र प्रदेश और बिहार के मुख्य सचिवों को तलब कर लिया। कोर्ट ने दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों को वर्चुअल सुनवाई के दौरान पेश होने का आदेश दिया और दोनों अधिकारियों ने कोर्ट के आदेश पर पेश होकर सफाई पेश की। अधिकारियों ने कहा कि वे कोर्ट के आदेश का अक्षरश: पालन सुनिश्चित करेंगे और कोई कोताही नहीं बरतेंगे।