सुप्रीम कोर्ट में होगी 'लव जिहाद' के पहले केस की सुनवाई, जानिए- क्या है पूरा मामला
महिला के पति का कहना है कि एक 24 वर्षीय बालिग युवती को यह अधिकार है कि वह किस व्यक्ति से शादी करे और किस धर्म को अपनाए।
नई दिल्ली, जेएनएन। लव जिहाद का जिन्न एक बार फिर चर्चा में हैं। इस जिन्न की गूंज शुक्रवार को देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट में सुनाई दी। केरल में एक हिंदू लड़की द्वारा इस्लाम अपनाने के बाद एक मुस्लिम लड़के से शादी करने के बाद उपजा विवाद अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट इस कथित लव जेहाद के पहले मामले की सुनवाई करने के लिए तैयार हो गया है।
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने मामले से जुड़े कुछ तथ्यों पर शंका जाहिर करते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) से 10 दिन के भीतर रिपोर्ट देने के लिए कहा है। बता दें कि केरल हाइकोर्ट ने इस केस को 'लव जिहाद' का मामला बताते हुए शादी को रद करने का फरमान सुना दिया है। लेकिन महिला के पति ने अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। पति ने सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और इंदिरा जयसिंह के जरिए अपील की थी। महिला के पति का कहना है कि एक 24 वर्षीय बालिग युवती को यह अधिकार है कि वह किस व्यक्ति से शादी करे और किस धर्म को अपनाए।
सिब्बल और जयसिंह ने कोर्ट से कहा है कि इस मामले में यह बहुत दुख की बात है कि केरल हाइकोर्ट ने शादी को रद कर पति-पत्नी को अलग-अलग कर दिया है। इनको मिलने की इजाजत भी नहीं दी गई है। दोनों वकीलों ने लड़की को समन भेजकर उसके बयान दर्ज कराए जाने की मांग सुप्रीम कोर्ट से की है। साथ ही अपील करने वाले वकीलों ने लड़की की जान को खतरा भी बताया है।
इसके बाद बेंच ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल मनिंदर सिंह को एनआईए की तरफ से पेश होने का आदेश देते हुए कहा कि एजेंसी और अशोकन 10 दिन के भीतर इस मामले में सबूत पेश करें। मामले की अगली सुनवाई 16 अगस्त को होगी।
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