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देश के इतिहास में पहली बार रात 3:20 बजे सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

आखिरकार मुंबई सीरियल ब्‍लास्‍ट के दोषी याकूब मेमन को फांसी दे दी गई। हालांकि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा याकूब की दया याचिका खारिज किए जाने के बाद वकीलों ने उसे बचाने के लिए देर रात नया दांव खेलना शुरू कर दिया था। रात करीब 10:45 बजे प्रशांत भूषण सहित कुछ अन्य वकील फांसी पर रोक लगाने के लिए मुख्य न्यायाधीश एचएल दत्तू के घर पहुंचे। मामले के मद्देनजर देर रात सुप्रीम कोर्ट फिर खुला और एक बार फिर से याकूब की याचिका पर सुनवाई शुरू हुई।

By Kamal VermaEdited By: Published: Thu, 30 Jul 2015 06:35 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jul 2015 04:10 PM (IST)
देश के इतिहास में पहली बार रात 3:20 बजे सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

नई दिल्ली। आखिरकार मुंबई सीरियल ब्लास्ट के दोषी याकूब मेमन को फांसी दे दी गई। हालांकि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा याकूब की दया याचिका खारिज किए जाने के बाद वकीलों ने उसे बचाने के लिए देर रात नया दांव खेलना शुरू कर दिया था। रात करीब 10:45 बजे प्रशांत भूषण सहित कुछ अन्य वकील फांसी पर रोक लगाने के लिए मुख्य न्यायाधीश एचएल दत्तू के घर पहुंचे। मामले के मद्देनजर देर रात सुप्रीम कोर्ट फिर खुला और एक बार फिर से याकूब की याचिका पर सुनवाई शुरू हुई।

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करीब तीन घंटे बाद कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया गया। इस तरह पूरी रात सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने के बाद आखिरकार याकूब को फांसी देने का रास्ता साफ हो गया। सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले को आधार बनाते हुए इन वकीलों ने कहा कि दया याचिका खारिज होने के कम से कम 14 दिन बाद ही किसी को फांसी दी जा सकती है। इसलिए याकूब की फांसी पर रोक लगाई जाए। सुप्रीम कोर्ट के वकीलों ने याकूब की फांसी पर 14 दिन की रोक लगाने की मांग लेकर रात ढाई बजे सुप्रीम कोर्ट खुलवाया।

जानें याकूब की फांसी पर लाइव अपडेट

कोर्ट नंबर चार में तीन जजों जस्टिस दीपक मिश्र, जे ए राय और जेपी पंत की बेंच ने मामले की सुनवाई की। याकूब की ओर से वकील आनंद ग्रोवर ने छह दलीलें दी। इस दौरान अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने सरकार का पक्ष रखा। करीब एक घंटे तक याकूब मामले पर बहस हुई। इसके बाद जस्टिस दीपक मिश्रा ने याकूब की फांसी को बरकरार रखा। याकूब के वकीलों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला गलत है।

रातभर चली कवायद

रात 11 बजे: प्रधान न्यायाधीश के घर प्रशांत भूषण, आनंद ग्रोवर समेत कई वकील पहुंचे।

रात 12 बजे: सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार पहुंचे सीजेआई के बंगले पर।

रात 1 बजे: खबर आई कि तीन जज सीजेआई के बंगले पर ही सुनेंगे अर्जी।

रात 2 बजे: जस्टिस दीपक मिश्रा के घर सुनवाई की चर्चा।

रात 2:10 बजे: तय हुआ सुप्रीम कोर्ट में ही 2:30 बजे होगी सुनवाई।

रात 3:20 बजे: कोर्ट नंबर 4 पहुंचे दीपक मिश्रा, अमिताव रॉय व प्रफुल्ल पंत। सुनवाई शुरू।

सुबह 4:57 बजे: आया अंतिम फैसला।

याकूब के वकील का पक्ष
-याकूब को 14 दिन का समय मिलना चाहिए।
-याकूब के पास दया याचिका पर अपील का अधिकार
-दया याचिका खारिज करने की कॉपी नहीं मिली
-2014 में दया याचिका याकूब के भाई ने दाखिल की थी।

अटॉर्नी जनरल का जवाब
-बार-बार याचिका से सिस्टम कैसे काम करेगा?
-इस तरह मौत के वारंट की कभी तामील नहीं हो सकेगी
-दया याचिका खारिज चुनौती न देने की बात कही
-याकूब की सहमति से दाखिल की गई थी दया याचिका।

नहीं रुकी मेमन की फांसी
बुधवार को समय का पहिया तेजी से घूमा। पहले तो सुप्रीम कोर्ट ने मौत का फरमान रद करने की उसकी मांग खारिज कर दी। इसके बाद महाराष्ट्र के राज्यपाल ने भी उसकी दया याचिका ठुकरा दी। मौत को टालने का अंतिम प्रयास करते हुए उसने राष्ट्रपति को नई दया याचिका भेजी। इस पर प्रणब मुखर्जी ने गृह मंत्रालय से राय मांगी। गृह मंत्रालय की सिफारिश पर राष्ट्रपति ने देर रात दया याचिका खारिज कर दी। वह इससे पहले भी उसकी दया याचिका खारिज कर चुके थे।

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सुबह 3:45 बजे जागा और 7:01 बजे मृत घोषित हुआ याकूब

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