राहुल गांधी के 'चौकीदार चोर है' वाले बयान पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा
चौकीदार चोर है वाले बयान पर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने सुप्रीम कोर्ट से अवमानना का केस बंद करने की गुहार लगाई है जिस पर अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली।भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने कोर्ट का हवाला देकर 'चौकीदार चोर है' बयान के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को माफी न देने की अपील की। भाजपा सांसद ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष को सजा मिलनी चाहिए या फिर वह जनता के बीच जाकर माफी मांगें जिसके बीच उन्होंने बयान दिया था। दो बार खेद जताने के बाद बिना शर्त माफी मांग चुके कांग्रेस अध्यक्ष ने कोर्ट से माफी स्वीकार कर अवमानना का केस बंद किए जाने की गुहार लगाई है।
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद राहुल गांधी के खिलाफ दाखिल मीनाक्षी लेखी की अवमानना याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया। सुनवाई के दौरान मीनाक्षी लेखी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि कोर्ट से दो बार डांट खाने के बाद अंत में राहुल ने तीसरा हलफनामा दाखिल कर अपने बयान पर कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगी है। रोहतगी ने कहा कि राहुल ने बहुत देर से माफी मांगी है और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व फैसले के मुताबिक, देर से मांगी गई माफी स्वीकार नहीं की जा सकती।
उन्होंने कहा कि वह राहुल गांधी की माफी का विरोध करते हैं कोर्ट उनके खिलाफ कार्यवाही करे। उन्हें सजा दे। या तो जेल भेजे या फिर निंदा या पेनाल्टी आदि की सजा दी जाए। उन्होंने कहा या फिर कांग्रेस अध्यक्ष जनता के बीच जाकर माफी मांगे। उन्होंने जनता के बीच ही कोर्ट का नाम लेकर चौकीदार चोर है बयान दिया था।
हालांकि रोहतगी की दलीलों का विरोध करते हुए राहुल गांधी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि उन्होंने शुरू में ही पहले हलफनामे में अपनी गलती मान ली थी और कोर्ट से खेद भी जताया था। ऐसा उन्होंने कोर्ट से अवमानना नोटिस जारी होने के पहले ही कर दिया था। सिंघवी ने कहा कि उन्होंने माफी मांगने या गलती मानने में कोई देरी नहीं की है और कोर्ट उनका हलफनामा स्वीकार कर उनके खिलाफ अवमानना मामला बंद कर दे।
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