Move to Jagran APP

सुप्रीम कोर्ट ने जताया आश्चर्य, कहा- जब माल व दुकानें खुली तो अब मंदिर पर पाबंदी क्यों

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जहां पैसे की बात है खतरा लेने को तैयार हैं लेकिन जब धार्मिक स्थल की बात आती है तो कहते हैं कि कोरोना है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Fri, 21 Aug 2020 07:14 PM (IST)Updated: Fri, 21 Aug 2020 07:14 PM (IST)
सुप्रीम कोर्ट ने जताया आश्चर्य, कहा- जब माल व दुकानें खुली तो अब मंदिर पर पाबंदी क्यों
सुप्रीम कोर्ट ने जताया आश्चर्य, कहा- जब माल व दुकानें खुली तो अब मंदिर पर पाबंदी क्यों

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अब जबकि लाकडाउन लगभग पूरी तरह खत्म हो गया है तो कोर्ट का मानना है कि धार्मिक स्थलों को लेकर भी एहतियात के साथ निर्णय लेना चाहिए। कोर्ट ने जैन धर्मावलंबियों की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए न सिर्फ उन्हें पर्यूशन पर्व मनाने की इजाजत दी बल्कि महाराष्ट्र सरकार की रोक पर सवाल भी खड़ा किया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा- 'आर्थिक हितों से जुड़ी सारी गतिविधियों को महाराष्ट्र मे इजाजत है। जहां बात पैसे की आती है खतरा लेने को तैयार हैं लेकिन जब धार्मिक स्थल की बात आती है तो कहते हैं कि कोरोना है, ऐसा नहीं कर सकते।' ये टिप्पणियां शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने पा‌र्श्वतिलक श्वेतांबर मूर्ति पूजक जैन ट्रस्ट की याचिका पर सुनवाई के दौरान कीं।

loksabha election banner

कोर्ट ने मुंबई के तीन जैन मंदिरों दादर, बाईकुला और चैम्बूर में ऐतिहाती उपायों और नियमों के साथ पर्रयूशन पर्व मनाने की इजाजत दे दी है। हालांकि कोर्ट ने साफ किया कि उनका यह आदेश सिर्फ इन्हीं तीन मंदिरों के बारे में हैं इसे अन्य सभी मंदिरों के बारे में लागू न माना जाए। गणेश चतुर्थी और अन्य उत्सवों के बारे में राज्य सरकार हर केस के मुताबिक फैसला लेगी। कोर्ट ने यह भी कहा कि आने वाला गणपति उत्सव भिन्न है उसमें भीड़ बेकाबू हो जाती है। जबकि यहां स्थिति अलग है।

कड़ाई से किया जाएगा नियमों का पालन

याचिकाकर्ता ट्रस्ट की ओर से पेश वकील दुष्यंत दवे ने पर्व पर पांच पांच के समूह में एक दिन मे कुल 250 लोगों के मंदिर जाने की इजाजत मांगी। उनका कहना था कि मंदिर जाने में सारे नियमों और ऐतिहात का कड़ाई से पालन किया जाएगा। दूसरी तरफ महाराष्ट्र की ओर से पेश वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने मांग का विरोध करते हुए कहा कि राज्य में कोरोना की स्थिति खराब है। अगर एक को इजाजत दी गई तो सभी मांग करेंगे। अभी गणपति उत्सव आने वाला है। पीठ ने कहा कि भीड़ इकट्ठा करना गलत है। लेकिन अगर एक समय मे सिर्फ पांच लोग जाएं तो क्या खराबी है। अगर ऐसा होता है तो जैन समुदाय के अलावा भी इजाजत दी जा सकती है।

जैन ट्रस्ट ने बाम्बे हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट मे चुनौती दी थी जिसमे हाईकोर्ट ने कोरोना के चलते धार्मिक स्थल बंद रखने के राज्य सरकार के फैसले में हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.