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सपा नेता आजम खां की पत्नी-बेटे की जमानत को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज

समाजवादी पार्टी के नेता आजम खां की पत्नी और बेटे की जमानत को चुनौती देने वाली उत्तर प्रदेश सरकार की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले वर्ष 13 अक्टूबर को दोनों को जमानत दी थी।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Fri, 22 Jan 2021 09:10 PM (IST)Updated: Fri, 22 Jan 2021 09:10 PM (IST)
सपा नेता आजम खां की पत्नी-बेटे की जमानत को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज
सुप्रीम कोर्ट का हाईकोर्ट के आदेश में दखल देने से इनकार।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के नेता आजम खां की पत्नी तजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला खां की जमानत को चुनौती देने वाली उत्तर प्रदेश सरकार की याचिका शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी। हाईकोर्ट ने फर्जीवाड़ा करके जमीन हथियाने के मामले में दोनों को जमानत दे दी थी जिसके खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल की थी।

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सुप्रीम कोर्ट का हाईकोर्ट के आदेश में दखल देने से इनकार

शुक्रवार को प्रदेश सरकार की याचिका प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए लगी थी। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के आदेश में दखल देने से इनकार करते हुए कहा कि हाईकोर्ट का आदेश सही है। इसमें क्या गलत है। पीठ ने कहा कि वह हाईकोर्ट के आदेश में दखल देने के इच्छुक नहीं है और प्रदेश सरकार की याचिका खारिज कर दी।

पीठ ने कहा- पिता की गलती के लिए बेटा जिम्मेदार नहीं

इससे पहले प्रदेश सरकार की ओर से पेश सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने हाईकोर्ट के दोनों को जमानत देने का विरोध करते हुए कहा कि अब्दुल्ला के पिता आजम खां के खिलाफ भूमि कब्जाने और अन्य अपराधों में बहुत से मुकदमे दर्ज हैं। इस पर पीठ ने कहा कि उसके पिता ने हो सकता है गलती की हो, लेकिन उसके लिए बेटे को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। मेहता ने कहा कि आजम की पत्नी और बेटा उसके लाभार्थी हैं, लेकिन पीठ दलीलों से प्रभावित नहीं हुई। कोर्ट ने कहा कि हम कह चुके हैं कि हाईकोर्ट का आदेश सही है और हम यह याचिका खारिज करते हैं।

आजम की पत्नी और बेटे को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत दी थी

आजम की पत्नी और बेटे के खिलाफ यह मामला फर्जीवाड़ा करके भूखंड आवंटित कराने का है। इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले वर्ष 13 अक्टूबर को दोनों को जमानत दे दी थी।


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