सुप्रीम कोर्ट ने सशस्त्र बल कर्मियों को समान पेंशन दिए जाने की मांग के लिए हाईकोर्ट जाने के दिए निर्देश
ट्रस्ट ने याचिका में मांग की कि गृह मंत्रालय के तहत आने वाले सशस्त्र बल कर्मियों को भी वही लाभ (पुरानी पेंशन योजना) दिए जाएं जो रक्षा मंत्रालय के तहत आने वाले सशस्त्र बल कर्मियों को मिल रहे हैं। रक्षा मंत्रालय के तहत थलसेना नौसेना और वायुसेना आते हैं।
नई दिल्ली, एएनआइ। केंद्रीय गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के सशस्त्र बल कर्मियों के पेंशन लाभों में असमानता दूर करने के केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग करने संबंधी याचिका दायर की गई थी। इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को याचिकाकर्ता 'हमारा देश हमारे जवान ट्रस्ट' को हाई कोर्ट जाने के निर्देश दिए। जस्टिस एल. नागेश्वर राव और जस्टिस एस. रविंद्र भट्ट की पीठ ने उक्त निर्देश दिए।
ट्रस्ट ने याचिका में मांग की कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत आने वाले सशस्त्र बल कर्मियों को भी वही लाभ (पुरानी पेंशन योजना) दिए जाएं, जो रक्षा मंत्रालय के तहत आने वाले सशस्त्र बल कर्मियों को मिल रहे हैं। याचिका के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय के तहत थलसेना, नौसेना और वायुसेना आते हैं, जबकि सीमा सुरक्षा बल, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, भारत तिब्बत सीमा पुलिस, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड, असम राइफल्स और सशस्त्र सेवा बल केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत आते हैं।
याचिका के मुताबिक, सभी बल केंद्र सरकार के हैं, भले ही वे गृह मंत्रालय के तहत हों अथवा रक्षा मंत्रालय के अधीन। इसीलिए उनके बीच कोई असमानता नहीं होनी चाहिए और सभी को समान पेंशन लाभ मिलने चाहिए। बता दें कि 'हमारा देश हमारे जवान ट्रस्ट' देश के सशस्त्र बल कर्मियों और उनके परिवारों के लिए काम करता है।