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SC की आम्रपाली समूह को चेतावनी, कहा-सात मई तक समस्याएं दूर करो या भुगतो परिणाम

सुप्रीम कोर्ट ने रियल एस्टेट फर्म आम्रपाली समूह को पांच दिनों में सभी समस्याएं दूर करने या फिर इसका परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है।

By Arti YadavEdited By: Published: Thu, 03 May 2018 07:17 AM (IST)Updated: Thu, 03 May 2018 10:04 AM (IST)
SC की आम्रपाली समूह को चेतावनी, कहा-सात मई तक समस्याएं दूर करो या भुगतो परिणाम
SC की आम्रपाली समूह को चेतावनी, कहा-सात मई तक समस्याएं दूर करो या भुगतो परिणाम

नई दिल्ली, (प्रेट्र)। सुप्रीम कोर्ट ने रियल एस्टेट फर्म आम्रपाली समूह को पांच दिनों में अपने सभी निर्मित आवासीय भवनों में एस्कलेटर, लिफ्ट और फायर सेफ्टी उपकरणों की मरम्मत कराने या फिर इसका परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है। कुछ फ्लैट खरीदने वालों ने दावा किया है कि एस्कलेटर, लिफ्ट और फायर सेफ्टी उपकरण काम नहीं कर रहे हैं। रियल एस्टेट फर्म ने अभी तक ये उपकरण लगाए ही नहीं हैं। इस दावे के बाद शीर्ष अदालत ने बुधवार को यह निर्देश दिया।

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जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस यूयू ललित की पीठ ने कहा कि घर खरीदने वालों को जरूरी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए रियल एस्टेट फर्म अधिकतम संख्या में विशेषज्ञ या इंजीनियरों को तैनात करे। फर्म यह काम सात मई तक पूरा कर ले। पीठ ने कहा, 'अगले सोमवार तक फर्म समस्याएं दूर करे और फायर सेफ्टी उपकरण लगवाए। ऐसा नहीं हुआ तो कंपनी के प्रमोटरों को गंभीर परिणाम भुगतना होगा। वे बच नहीं सकेंगे।'

अदालत को कुछ घर खरीदने वालों ने तीन सप्ताह पहले सूचित किया था कि फर्म द्वारा निर्मित आवासीय अपार्टमेंट में आग लगने की घटना हुई थी। अदालत ने घर खरीदने वालों से आम्रपाली और को-डेवलपर गैलेक्सी ग्रुप के शपथपत्र का जवाब सौंपने के लिए कहा। गैलेक्सी समूह ने तीन परियोजनाएं पूरी करने की इच्छा जाहिर की है। अदालत ने अगली सुनवाई आठ मई तय कर दी।

यूनिटेक के निदेशकों से निजी संपत्ति का ब्योरा मांगा

सुप्रीम कोर्ट ने यूनिटेक लिमिटेड और उसकी सहयोगी कंपनियों के सभी निदेशकों से अपनी निजी संपत्ति का ब्योरा सौंपने का निर्देश दिया है। शीर्ष अदालत ने बुधवार को उन्हें चेतावनी दी कि यदि 11 मई तक 100 करोड़ रुपये जमा नहीं कराए गए तो उनकी संपत्ति नीलाम कर दी जाएगी।मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह भी कहा कि रियल एस्टेट फर्म की कर्ज मुक्त संपत्तियां नीलाम कर दी जाएंगी। यह काम परेशान घर खरीदारों के बकाए का अहसास कराने के लिए किया जाएगा। इस पीठ में जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ भी शामिल थे।

पीठ ने सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री के पास पैसा जमा कराने में फर्म के रुख को कठोरता से लिया। शीर्ष अदालत ने चेतावनी दी कि यदि 11 मई तक 100 करोड़ रुपये जमा नहीं कराए गए तो वह अन्य निदेशकों को जेल भेज सकती है। इसके अलावा उनकी निजी संपत्तियां नीलाम की जाएंगी।अदालत ने रियल एस्टेट फर्म से अपनी उन संपत्तियों का भी ब्योरा सौंपने के लिए कहा है जिनपर कर्ज लिया गया है। इसके साथ कर्ज की राशि या देनदारी से संबंधित सूचना भी मांगी गई है। फर्म अपनी कर्ज मुक्त संपत्तियों का ब्योरा सौंप चुकी है।


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