सुप्रीम कोर्ट ने कहा, लॉकडाउन के दौरान फ्लाइटों के टिकटों के रिफंड पर स्थिति साफ करे केंद्र
सुप्रीम कोर्ट ने लॉकडाउन के दौरान रद की गई फ्लाइटों के बारे में केंद्र सरकार पूछा कि क्या वह कैंसिल कराए गए टिकटों का पूरा पैसा रिफंड करने के लिए तैयार है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना लॉकडाउन के दौरान विमान यात्रा के लिए बुक किए गए टिकटों के बारे में बुधवार को केंद्र सरकार पूछा कि क्या वह कैंसिल कराए गए टिकटों का पूरा पैसा रिफंड करने के लिए तैयार है। सर्वोच्च अदालत ने नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (Directorate General of Civil Aviation, DGCA) के हलफनामे का जिक्र करते हुए उक्त सवाल पूछा। डीजीसीए ने सुप्रीम कोर्ट में बीते दिनों कहा था कि लॉकडाउन की अवधि के दौरान घरेलू या अंतरराष्ट्रीय यात्रा के वास्ते बुक की गई टिकटों का पूरा किराया एयरलाइनों द्वारा वापस दिया जाएगा।
जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए 25 मार्च से लागू लॉकडाउन के कारण रद उड़ानों के टिकटों का पूरा पैसा लौटाने से संबंधित मामले को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई की। सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि यदि 15 मार्च को लॉकडाउन की अवधि से पहले भी टिकट बुक किया गया था तो भी रिफंड किया जाएगा। उन्होंने अदालत को बताया कि वह इस संबंध में स्थिति स्पष्ट करते हुए अतिरिक्त हलफनामा दाखिल करेंगे।
तुषार मेहता ने कहा कि जहां तक मेरी समझ कहती है मान लीजिए कि लॉकडाउन से पहले 15 मार्च को लॉकडाउन की अवधि में यात्रा के लिए टिकट बुक कराया गया था और यह उड़ान रद्द हो गई तो टिकट की पूरी धनराशि वापस की जाएगी। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि यदि यह टिकट एक दूसरे देश से कहीं और जाने के लिए बुक कराया गया था तो इसका रिफंड सरकार के हाथ में नहीं है। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान घरेलू या अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए बुक टिकट का पैसा लौटाने का प्रस्ताव दिया गया था।
मेहता ने यह भी बताया कि सरकार यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि इस वजह से एयरलाइनों को नुकसान नहीं हो। टिकट का पैसा वापस करने के प्रस्ताव को शीर्ष अदालत को मंजूरी देनी होगी। इस मामले में तीन श्रेणियां हैं। घरेलू उड़ान के टिकटों का पूरा रिफंड तो एयरलाइन को करना होगा। वहीं स्पाइसजेट की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि वह सरकार के इस रूख से सहमत हैं। इंडिगो की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि मोटे तौर पर वह भी इस प्रस्ताव से सहमत हैं। इस पर अदालत ने सभी से हलफनामा दाखिल करने को कहा...