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कोरोना के संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए संसद और सुप्रीम कोर्ट में थर्मल स्‍क्रीनिंग शुरू

संसद (Parliament) और सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में आगंतुकों की थर्मल स्‍क्रीनिंग (Thermal Screening) शुरू कर दी गई। जानें कैसा रहा पहले दिन का हाल...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 16 Mar 2020 04:20 PM (IST)Updated: Mon, 16 Mar 2020 10:46 PM (IST)
कोरोना के संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए संसद और सुप्रीम कोर्ट में थर्मल स्‍क्रीनिंग शुरू
कोरोना के संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए संसद और सुप्रीम कोर्ट में थर्मल स्‍क्रीनिंग शुरू

नई दिल्‍ली, एजेंसियां। कोरोना वायरस (Coronavirus) का संक्रमण पर लगाम लगाई जा सके इसके लिए देश में कई स्‍तरों पर एहतियात बरते जा रहे हैं। संसद (Parliament) और सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में आज यानी सोमवार से आगंतुकों की थर्मल स्‍क्रीनिंग (Thermal Screening) शुरू कर दी गई। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (World Health Organisation) द्वारा महामारी (pandemic) घोषित किए जाने के बाद संसद के दोनों सदनों के सदस्‍य इस बात पर सहमत हुए कि संसद के सभी प्रवेश द्वारों पर स्क्रीनिंग प्रक्रिया की जरूरत है। 

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राज्‍यसभा के सदस्‍य राम गोपाल यादव (Ram Gopal Yadav) ने सुझाव दिया कि संसद के सभी गेट पर थर्मल स्‍क्रीनिंग शुरू कराई जानी चाहिए ताकि कोई भी संक्रमित व्‍यक्ति भीतर दाखिल नहीं हो सके। वहीं बीजू जनता दल के सस्‍मित पात्रा (Sasmit Patra) ने एटीएम और हवाई अड्डों पर और अधिक जांच सुविधाओं की जरूरत बताई। उन्‍होंने यह भी कहा कि मैं फिर से कहना चाहूंगा कि जांच प्रयोगशालाओं को बढ़ाया जाना चाहिए क्‍योंकि इतनी बड़ी आबादी के लिए प्रयोगशालाओं की उपलब्ध संख्या अभी भी अपर्याप्‍त है। आम आदमी पार्टी के भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने ऐसे लोगों को लेकर चिंता जताई जो आइसोलेशन कैंपों में भेजे जाने के डर से भाग गए हैं।

इस बीच उच्चतम न्यायालय में भी सोमवार को वकीलों, याचिकाकर्ताओं और पत्रकारों की थर्मल जांच की गई। महामारी के संक्रमण को रोकने के लिए कई कदम उठाने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कुछ ही वकीलों, याचिकाकर्ताओं और पत्रकारों को अदालत कक्ष में आने की इजाजत दी है। जांच के दौरान प्रवेश द्वार पर वकील, याचिकाकर्ता और पत्रकार पंक्तियों में अपनी बारी के इंतजार में खड़े नजर आए। मालूम हो कि बीते शनिवार को सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी नोटिफ‍िकेशन में कहा गया था कि सोमवार से 15 पीठों में से केवल छह पीठें ही सुनवाई करेंगी। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा था कि इस दौरान बेहद जरूरी केवल 12 मामलों की सुनवाई होगी ताकि अनावश्‍यक भीड़ से बचा जा सके। 


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