Move to Jagran APP

सुप्रीम कोर्ट में UPSC उम्मीदवारों की याचिका पर सुनवाई स्थगित

Supreme Court उम्र सीमा को पार करने वाले संघ लोक सेवा आयोग कैंडिडेट ने सुप्रीम कोर्ट में अगले साल सिविल सर्विसेज की परीक्षा में शामिल होने को लेकर गुहार लगाई थी जिसे कोर्ट ने स्थगित कर दिया है।

By Monika MinalEdited By: Published: Mon, 12 Oct 2020 12:34 PM (IST)Updated: Mon, 12 Oct 2020 12:34 PM (IST)
सुप्रीम कोर्ट में UPSC उम्मीदवारों की याचिका  पर सुनवाई स्थगित
संघ लोक सेवा आयोग उम्मीदवारों की याचिका पर सुनवाई स्थगित

नई दिल्ली, एएनआइ। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के उम्मीदवारों द्वारा दायर याचिका को स्थगित कर दिया। याचिका में सिविल सर्विसेज परीक्षा 2021 में अतिरिक्त प्रयास की अनुमति मांगी थी।  सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वाले  कुछ कैंडिडेट का इसबार सिविल सर्विसेज की परीक्षा में शामिल होने का आखिरी मौका था क्योंकि अगली बार वे इसके लिए निर्धारित उम्र सीमा को पार कर जाएंगे और इसलिए उन्होंने कोर्ट से गुहार लगाई कि उन्हें अगली बार परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाए। 

loksabha election banner

 संघ लोक सेवा आयोग भारत के संविधान द्वारा स्थापित एक संवैधानिक निकाय है। यह आयोग भारत सरकार के लोकसेवा के पदाधिकारियों की नियुक्ति के लिए परीक्षाओं का संचालन करता है। याचिका में कहा गया है कि अतिरिक्त प्रयास का यह मौका कोविड-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए सिर्फ एक बार के लिए दिया जा सकता है। दरअसल, इस बार परीक्षा देने वाले अनेक कैंडिडेट अगले साल सिविल सेवा परीक्षा के लिए निर्धारित अधिकतम आयु सीमा को पार कर जाएंगे। आयु संबंधित नियमों के अनुसार वह 2021 की सिविल सेवा परीक्षा में नहीं बैठ पाएंगे।

4 अक्टूबर को आयोजित हुई सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा में लाखों अभ्यर्थी शामिल हुए थे। 30 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने सिविल सेवा परीक्षा को स्थगित करने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने केंद्र से कहा कि वह वैश्विक महामारी के कारण परीक्षा नहीं दे पाने वाले उन लोगों को एक और मौका देने पर विचार करे, जिनसे पास UPSC परीक्षा देने का इस बार आखिरी अवसर है। कोर्ट ने 2020 की UPSC परीक्षा को 2021 की परीक्षा के साथ आयोजित कराने के आग्रह वाली याचिका खारिज कर दी थी।

सुप्रीम कोर्ट ने UPSC की दलीलों को स्वीकार कर कहा था कि परीक्षा टालने का असर अगले साल की परीक्षा पर भी पड़ेगा। कोर्ट ने कहा कि इस साल की परीक्षा को अगले साल की परीक्षा के साथ संयुक्त रूप से आयोजित कराना संभव नहीं है। आयोग ने परीक्षा स्थगित करने में असमर्थता जताई थी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.