सुप्रीम कोर्ट ने 100 दिन में सुने 15 हजार से ज्यादा मामले, अब सामान्य कामकाज की तैयारी
कोरोना महामारी की चुनौतियों के बीच सुप्रीम कोर्ट की 1021 पीठ ने पिछले 100 दिन में 15596 मामलों की सुनवाई की है। अदालत अब सामान्य कामकाज की तैयारी भी कर रही है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। कोविड-19 महामारी की चुनौतियों के बीच सुप्रीम कोर्ट की 1,021 पीठ ने पिछले 100 दिन में 15,596 मामलों की सुनवाई की है। इस दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये 50,475 वकीलों ने दलीलें रखीं। कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए देश की शीर्ष अदालत में 23 मार्च से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई चल रही है। यही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने एक हफ्ते के भीतर अदालत कक्षों में सामान्य ढंग से सुनवाई करने का निर्णय किया है।
अब तक 4,300 मामलों का निपटारा
आधिकारिक बयान के मुताबिक, अदालत ने अब तक 4,300 मामलों का निपटारा किया है। बयान में कहा गया कि करीब 125 रजिस्ट्री स्टाफ एवं उनके परिजनों के कोरोना संक्रमित होने के बावजूद सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री ठीक तरीके से काम कर रही है। 16 मार्च से अब तक रजिस्ट्री एक दिन भी बंद नहीं रही है। महामारी के कारण अदालत का संचालन बहुत चुनौतीपूर्ण रहा है।
कोरोना काल में हुई सुनवाई का ब्योरा दिया
शीर्ष अदालत ने ब्रिटेन, अमेरिका एवं यूरोपीय यूनियन की शीर्ष अदालतों में कोरोना काल में हुई सुनवाई का भी ब्योरा दिया है। इसमें बताया गया कि 24 मार्च से 17 अगस्त के बीच ब्रिटेन की शीर्ष अदालत में 29 मामलों पर फैसला हुआ। अमेरिका में 30 मार्च से 17 अगस्त के बीच 74 मामलों में सुनवाई हुई और 44 पर फैसला सुनाया गया। यूरोपीय यूनियन की शीर्ष अदालत ने 16 मार्च से 17 अगस्त के बीच 57 मामलों पर फैसला सुनाया।
ऑनलाइन नहीं, अब सामान्य कामकाज की तैयारी
महामारी के कारण करीब पांच महीने से सीमित तरीके से वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर कामकाज कर रहा सुप्रीम कोर्ट हफ्तेभर में तीन अदालतों में सामान्य कामकाज शुरू करने की तैयारी में है। शीर्ष अदालत के प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन को यह जानकारी दी है। प्रशासन ने बताया कि तीन कोर्टरूम जल्द ही सामान्य कामकाज के लिए तैयार हो जाएंगे। अदालत में उपस्थित होकर सुनवाई के लिए अभी सीमित मामले ही लिस्ट किए जाएंगे।
सामाजिक दूरी का रखा जाएगा ख्याल
यही नहीं सुनवाई के दौरान चिकित्सकीय परामर्श को ध्यान में रखते हुए सामाजिक दूरी एवं अन्य मानकों का ध्यान रखा जाएगा। इसके लिए सभी पक्षों से पूर्व अनुमति और उनकी इच्छा लिखित रूप में ली जाएगी। 18 अगस्त की तारीख वाली इस लिखित सूचना में कहा गया कि प्रायोगिक आधार पर तीन बड़े अदालती कक्षों को इसके लिए एक हफ्ते के भीतर तैयार किया जाएगा।