विशेषज्ञ समिति ने पहले ही कर दी थी फाइजर वैक्सीन को अनुमति नहीं देने की सिफारिश, जानें वजह
दवा नियामक की विशेषज्ञ समिति ने दो दिन पहले ही फाइजर की वैक्सीन को अभी मंजूरी नहीं देने की सिफारिश कर दी थी। फाइजर ने भारत में अपनी वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी के लिए पांच दिसंबर को डीसीजीआइ के यहां आवेदन दिया था...
नई दिल्ली, पीटीआइ। अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर ने शुक्रवार को भारत में अपनी कोरोना वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी के लिए दिए गए आवेदन को वापस लेने की घोषणा की लेकिन अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में दवा नियामक की विशेषज्ञ समिति ने दो दिन पहले ही फाइजर की वैक्सीन को अभी मंजूरी नहीं देने की सिफारिश कर दी थी। फाइजर ने भारत में अपनी वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी के लिए पिछले साल पांच दिसंबर को भारतीय दवा महानियंत्रक (डीसीजीआइ) के यहां आवेदन किया था, ऐसा करने वाली वह पहली कंपनी थी।
फाइजर ने किया था आवेदन
ब्रिटेन और बहरीन में अपनी वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिलने के बाद फाइजर ने भारत में इसके लिए आवेदन किया था। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने तीन फरवरी को फाइजर के आवेदन पर विस्तार से चर्चा की। उसके बाद समिति ने देश में फिलहाल फाइजर की वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी की सिफारिश नहीं करने का फैसला किया।
एसईसी ने सिफारिश में क्या कहा?
समिति की तरफ से जो सिफारिश की गई है, उसमें कहा गया है कि यह पाया गया है कि दुनिया में फाइजर की वैक्सीन देने के बाद लाभार्थियों में लकवा, उग्रता और अन्य तरह की समस्याएं नजर आई हैं। वैक्सीन लगाए जाने के बाद कुछ लोगों की मौत भी हुई है, जिनकी अभी जांच चल रही है। इसके अलावा फाइजर ने भारत में अपनी वैक्सीन के परीक्षण को लेकर सुरक्षा और प्रतिरक्षा संबंधी डाटा देने का कोई प्रस्ताव भी नहीं दिया है। ऐसे में समिति फिलहाल वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति नहीं देने की सिफारिश करती है।
दोबारा आवेदन करेगी फाइजर
फाइजर के प्रवक्ता ने बयान जारी कर कहा कि कंपनी के प्रतिनिधि एसईसी के साथ बैठक में शामिल हुए। बैठक में हुई चर्चा और नियामक की तरफ से कुछ सूचना मांगे जाने की संभावना को देखते हुए कंपनी ने अपनी वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी के आवेदन को वापस लेने का फैसला किया है। बयान में कहा गया है कि कंपनी इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी के लिए दोबारा आवेदन करेगी और निकट भविष्य में मिलने वाली सूचना भी अथॉरिटी को मुहैया कराएगी।
दो वैक्सीन को मिली है मंजूरी
बता दें कि अभी भारत में कोरोना रोधी टीकाकरण में कोविशील्ड और कोवैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित कोविशील्ड का भारत में परीक्षण, उत्पादन और वितरण पुणे की दवा कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया कर रही है। जबकि, पूरी तरह से स्वदेशी कोवैक्सीन को हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) और पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआइवी) के साथ मिलकर विकसित किया है और उसका परीक्षण और वितरण भी कर रही है।