भारत में साल 2030 तक गर्भपात के चलते लड़कियों की होने वाली है 60 लाख से ज्यादा कमी
शोध में यह भी कहा गया कि उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा लड़कियों की कमी देखने को मिलेगी।
नई दिल्ली, पीटीआइ। भारत में गर्भपात के चलते लड़कियों की संख्या में भारी कमी का अनुमान है। हालिया में हुए एक शोध के अनुसार भारत में चुनिंदा गर्भपात के चलते 2030 तक लड़कियों के जन्म के आंकड़े में लगभग 68 लाख (6.8 मिलियन) की कमी आएगी। शोध में यह भी कहा गया कि उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा लड़कियों की कमी देखने को मिलेगी। देश में गर्भपात को लेकर किया गया यह शोध सऊदी अरब की किंग अब्दुल्ला यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (KAUST) डे पेरिस, फ्रांस के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया है।
अंसतुलन क्षेत्रीय विविधता के हिसाब से अलग-अलग
भारत में प्रसव पूर्व लिंग चयन के दौरान सांस्कृतिक रूप से लड़कों को अधिक प्राथमिकत दी जाती है। इसकी वजह से 1970 के बाद से जन्म के समय में लैंगिक अनुपात में असंतुलन बना हुआ है। शोधकर्ताओं ने कहा कि इस तरह के असंतुलन से प्रभावित दूसरे देशों के विपरीत भारत में लैंगिक अनुपात में असंतुलन क्षेत्रीय विविधता के हिसाब से अलग-अलग है।
शोधकर्ताओं ने कहा कि 2017 से 2025 के बीच प्रतिवर्ष औसतन 4,69,000 कम लड़कियां पैदा होंगी। वहीं, 2026 से 2030 के बीच यह संख्या प्रतिवर्ष लगभग 5,19,000 हो जाएगी। भारत में 1994 में चुनिंदा लैंगिक गर्भपात और प्रसव पूर्व लिंग परीक्षण पर रोक लगा दी गई थी।