COVID-19 से स्वस्थ होने के बाद भी बरतें तमाम एहतियात, एंटीबॉडीज की उम्र है कम: अध्ययन
कोविड-19 से स्वस्थ होने रहे लोगों को सतर्क करते हुए एक्सपर्ट ने अपनी राय दी है कि एंटीबॉडीज की उम्र काफी कम है इसलिए तमाम एहतियात बरतने की आवश्यकता बनी रहेगी।
नई दिल्ली, एएनआइ। महामारी के संकट से जूझ रही दुनिया कोविड-19 के टेस्ट,इलाज और इससे स्वस्थ हो रहे लोगों में बने एंटीबॉडीज को लेकर रिसर्च जारी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के विचाराधीन जारी सभी वैज्ञानिक अध्ययनों के अनुसार कोविड-19 इम्यूनिटी या एंटीबॉडी 5 महीने से लेकर एक साल तक ही रहता है। यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने गुरुवार को दी।
एक्सपर्ट की राय-
राजेश भूषण ने कहा, 'हालांकि हमारी सलाह है कि यदि कोई शख्स कोविड-19 के संक्रमण से स्वस्थ हो भी जाता है तो उसे शारीरिक दूरी, फेस मास्क और हैंड सैनिटाइजिंग जैसे सभी नियमों का पालन करना चाहिए।' इसी तरह का विचार ICMR के डायरेक्टर जनरल, (प्रोफेसर) डॉक्टर बलराम भार्गव ने भी दिया। उन्होंने कहा, 'कोरोना वायरस नई बीमारी है। यह केवल 7-8 माह पुरानी है इसलिए हम नहीं जानते कि इम्यूनिटी कितने समय तक बनी रहेगी। एक बात ध्यान देने की है कि वायरस संक्रमण से होने वाली बिमारियों जैसे इंफ्लुएंजा या फ्लू आदि के लिए हर साल वैक्सीन दी जाती है क्योंकि इंफ्लुएंजा के लिए भी इम्यूनिटी लंबे समय तक नहीं रहती। इस कोविड वायरस के लिए भारत समेत दुनिया भर में जारी अध्ययनों पर हमारी नजर है।'
नई है ये बीमारी
चीन के वुहान में 2019 के दिसंबर महीने में आए नॉवेल कोरोना वायरस संक्रमण से पहले इसे कोई नहीं जानता था। मनुष्यों में सांस संबंधित संक्रमण के लिए अनेकों कोरोना वायरस को जाना जाता है जो साधारण सर्जी जुकाम से लेकर गंभीर बीमारी जैसे मिड्ल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (MERS) और सिवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (SARS) का कारण है।
भारत में 38 लाख से अधिक संक्रमण
भारत में अब तक 38 लाख से अधिक कोविड-19 संक्रमितों का आंकड़ा है जबकि 67 हजार 3सौ 76 लोगों की मौत हो चुकी है। अंतिम 24 घंटों में देश में सबसे अधिक संक्रमण के मामले आए हैं जो 83 हजार 8 सौ 83 हैं जिसमें से 1 हजार 43 लोगों की मौत हो चुकी है।