निजी आइटीआइ के निर्धारित कोर्स पर नहीं लगेगा जीएसटी
सीबीआइसी का यह भी कहना है कि आइटीआइ में दाखिल के लिए प्रवेश परीक्षा के ऐवज में आवेदकों से वसूली जाने वाली फीस पर भी जीएसटी नहीं लगाया जा सकता।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। निजी आइटीआइ में पढ़ने वाले छात्रों के लिए राहत की खबर है। निजी आइटीआइ के उन ट्रेड (कोर्स) पर जीएसटी नहीं लगेगा जो अप्रैंटिस एक्ट 1961 के तहत निर्धारित हैं। ऐसे ट्रेड में प्रवेश के लिए ली जाने वाली परीक्षा फीस पर भी जीएसटी नहीं देना होगा।
सेंट्रल बोर्ड ऑफ इन्डाइरेक्ट टैक्स एंड कस्टम (सीबीआइसी) ने इस संबंध में स्पष्टीकरण जारी किया है। सीबीआइसी ने साफ किया है कि सरकारी आइटीआइ के किसी भी ट्रेड में व्यवसायिक प्रशिक्षण जीएसटी के दायरे में नहीं है।
सूत्रों के मुताबिक सीबीआइसी से बहुत से लोगों ने पूछा था कि क्या निजी आइटीआइ द्वारा प्रदान किए जाने वाले व्यवसायिक प्रशिक्षिण पर जीएसटी का भुगतान किया जाना चाहिए? सीबीआइसी ने इसका स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि निजी आइटीआइ एक शैक्षिक संस्थान हैं इसलिए इनके द्वारा अप्रैंटिसशिप एक्ट 1961 के तहत निर्धारित ट्रेड में दिये जाने वाले व्यवसायिक प्रशिक्षिण को जीएसटी से छूट प्राप्त है। हालांकि निजी आइटीआइ की जो ट्रेड इस कानून के तहत निर्धारित नहीं हैं उन पर वस्तु एवं सेवा कर देय होगा।
दरअसल आइटीआइ या नेशनल काउंसिल फॉर वोकेशनल (एनसीवीटी) से मान्यता प्राप्त इंडस्ट्रीयल ट्रेनिंग सेंटर के जिन ट्रेड को अप्रैंटिसशिप एक्ट के तहत निर्धारित किया जाता है, उन पर जीएसटी नहीं लगता है। इस तरह निजी आइटीआइ की जो ट्रेड इस एक्ट के तहत निर्धारित हैं वे जीएसटी के दायरे से बाहर हैं।
सीबीआइसी का यह भी कहना है कि आइटीआइ में दाखिल के लिए प्रवेश परीक्षा के ऐवज में आवेदकों से वसूली जाने वाली फीस पर भी जीएसटी नहीं लगाया जा सकता। हालांकि जो ट्रेड अप्रैंटिसशिप कानून के तहत निर्धारित नहीं हैं उनके लिए प्रवेश परीक्षा शुल्क पर जीएसटी देय होगा।
सूत्रों ने कहा कि जहां तक सरकारी आइटीआइ का सवाल है तो व्यक्तिगत ट्रेनी या छात्र को उनके द्वारा दी गयी सभी सेवाएं जीएसटी से छूट प्राप्त हैं। सरकारी आइटीआइ की सेवाएं भी उन सरकारी सेवाओं के दायरे में आती हैं जिन पर जीएसटी देय नहीं है। सरकारी आइटीआइ में प्रवेश परीक्षा के शुल्क पर भी जीएसटी देय नहीं है।