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यूजीसी के नए आदेश के बाद छात्र असमंजस में, विश्वविद्यालय को शासन के फैसले का इंतजार

रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति केएल वर्मा का कहना है कि यूजीसी के दिशा- निर्देश प्रदेश सरकार के स्तर पर देखे जाएंगे।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 09 Jul 2020 06:15 AM (IST)Updated: Thu, 09 Jul 2020 06:15 AM (IST)
यूजीसी के नए आदेश के बाद छात्र असमंजस में, विश्वविद्यालय को शासन के फैसले का इंतजार
यूजीसी के नए आदेश के बाद छात्र असमंजस में, विश्वविद्यालय को शासन के फैसले का इंतजार

रायपुर, राज्‍य ब्‍यूरो। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के निर्देशों के बाद एक बार फिर से विवि, कॉलेजों में पढ़ाई कर रहे विद्यार्थी असमंजस में हैं। कुछ दिनों पहले उन्हें सूचना मिली थी कि परीक्षा नहीं देनी होगी। पिछली परीक्षा में मिले अंकों व असेसमेंट के आधार पर उन्हें अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया जाएगा। अब यूजीसी के नए दिशा- निर्देशों के बाद विद्यार्थी कॉलेजों और विवि में फोन कर पूछ रहे हैं कि क्या उन्हें परीक्षाओं की तैयारी करनी होगी या दाखिले की तैयारी करें। 

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हालांकि रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति केएल वर्मा का कहना है कि यूजीसी के दिशा- निर्देश प्रदेश सरकार के स्तर पर देखे जाएंगे। क्योंकि उसमें सरकारों को निर्देश दिए हैं कि वे विश्वविद्यालयों में परीक्षाएं करवा सकते हैं। अभी इस पर सरकार से कोई आदेश नहीं आया है। परीक्षाएं करवाई जाएंगी या नहीं, इस पर निर्णय पहले सरकार की तरफ से लिया जाएगा। 

परीक्षा को लेकर विवि तैयार 

विवि सूत्रों की मानें तो परीक्षा को लेकर पूरी तैयारी है। जैसे ही अंतिम आदेश मिलेगा, उसके आधार पर तैयारी की जाएगी। परीक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रश्नपत्र से लेकर उत्तर पुस्तिका आदि सारी व्यवस्था पूरी हो चुकी है। इसी तरह से ऑनलाइन आवेदन करने वाले छात्रों को फॉर्म से लेकर फीस भरने के समय किसी भी प्रकार की कोई दिक्क्त न हो, इसका विशेष ध्यान रखते हुए वेबसाइट में सुधार किया गया है। शैक्षणिक सूचना से लेकर नया बदलाव आदि से जुड़ी हर जानकारी छात्रों को मिलेगी।

30 सितंबर तक परीक्षा कराने की अनुमति 

ज्ञात हो कि गृह मंत्रालय की अनुमति के बाद यूजीसी ने पिछले दिनों विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की परीक्षाओं को लेकर संशोधित गाइड लाइन जारी की है। जिसमें जुलाई में परीक्षाओं को कराने जैसी अनिवार्यता को खत्म कर दिया है। साथ ही अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को अनिवार्य बताते हुए इन्हें 30 सितंबर तक कराने की अनुमति दी है, जो ऑनलाइन और ऑफलाइन किसी भी माध्यम से कराई जा सकेंगी। यूजीसी ने इसके साथ ही विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को यह भी छूट दे दी है, वह इन परीक्षाओं की स्थानीय परिस्थितियों को देखते हुए 30 सितंबर तक कभी भी करा सकते हैं। हालांकि यूजीसी को इसकी जानकारी देनी होगी। 


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