Move to Jagran APP

Stubble Burning Case: पराली के धुएं से राहत के लिए केंद्र ने संभाला मोर्चा, राज्यों को दिया ये सुझाव

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा जिस भावना के साथ वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की परिकल्पना की गई थी वह राज्यों की कार्य योजना में परिलक्षित होता है। इस बैठक में पर्यावरण मंत्री और पड़ोसी राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल रहे।

By Nitin AroraEdited By: Published: Thu, 23 Sep 2021 03:13 PM (IST)Updated: Thu, 23 Sep 2021 08:08 PM (IST)
Stubble Burning Case: पराली के धुएं से राहत के लिए केंद्र ने संभाला मोर्चा, राज्यों को दिया ये सुझाव
पराली जलाने का मामला: पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव की सीएम खट्टर, पर्यावरण मंत्रियों से बैठक, दिल्ली ने की ये मांग

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आम के आम, गुठलियों के भी दाम.. पराली के मामले में अब यही फार्मूला अपनाने की कोशिश है। लाख कोशिशों के बावजूद किसानों को पराली जलाने से रोकने में असमर्थता के बाद अब ऐसी राह निकालने की कोशिश हो रही है जिससे किसानों के लिए पराली नहीं जलाना फायदे का सौदा बने। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने गुरुवार को पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के पर्यावरण मंत्रियों और संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इसे लेकर एक अहम बैठक की।

loksabha election banner

पंजाब, हरियाणा सहित दिल्ली-एनसीआर के पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने का सीजन 25 सितंबर से शुरू हो जाता है।राज्यों के साथ इस चर्चा में पराली को खेतों में जलाने से रोकने के लिए जिन विषयों पर मुख्य फोकस किया गया, उनमें कृषि अनुसंधान संस्थान पूसा की ओर से विकसित डी-कंपोजर का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करने, देशभर के पावर प्लांट्स में ईंधन के रूप में बायोमास का 10 फीसद तक इस्तेमाल करने, जिसमें पराली की मात्रा करीब 50 फीसद रखनी होगी, के साथ पशु चारे के रूप में इसके उपयोग को प्रोत्साहित करने व पराली को खेतों में खत्म करने के लिए किसानों को और मशीनें देने और पूर्व में दी गई मशीनों के इस्तेमाल को बढ़ावा देना आदि शामिल हैं।

यानी किसानों के लिए पराली आमदनी का साधन बने।भूपेंद्र यादव ने कहा कि पराली को खेतों में जलाने से रोकने के लिए राज्यों के साथ बेहतर चर्चा हुई है। सभी ने इसकी रोकथाम का भरोसा दिया है। हमारी कोशिश है कि इस बार पराली बिल्कुल भी न जले। इसके लिए कुछ अहम कदम उठाए गए हैं। देशभर के सभी पावर प्लांट्स को अब ईंधन के रूप में 10 फीसद बायोमास का इस्तेमाल करने को कहा गया है। पंजाब में नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन (एनटीपीसी) ने इसे लेकर टेंडर निकाल दिए हैं। इसके साथ ही पशु चारे में भी पराली के इस्तेमाल को प्रोत्साहित किया जा रहा है। राज्यों से कहा गया है कि वे किसानों से इसे खरीदने की योजना बनाएं। अब तक गुजरात ने कच्छ क्षेत्र में पशु चारे के लिए इसकी मांग की है। जिसे किसानों से लेकर दिया जाएगा। इससे किसानों को भी फायदा होगा।

पर्यावरण सचिव आरपी गुप्ता ने बताया कि पावर प्लांट्स में बायोमास के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए ऊर्जा मंत्रालय से बातचीत हो गई है, जो जल्द ही इसे लेकर गाइडलाइन जारी करेगा। इस बैठक में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हिस्सा लिया था, जो राज्य के पर्यावरण मंत्री भी हैं। साथ ही इस वर्चुअल बैठक में उत्तर प्रदेश के पर्यावरण मंत्री दारा सिंह, राजस्थान के मंत्री सुखराम विश्नोई, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय और पंजाब के प्रमुख सचिव पर्यावरण मौजूद थे।

बैठक में दिल्ली-एनसीआर वायु गुणवत्ता आयोग के अध्यक्ष एमएम कुट्टी और पर्यावरण, कृषि व ऊर्जा मंत्रालय के अधिकारी भी मौजूद थे। मालूम हो कि दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता के लिहाज से 25 सितंबर से 30 नवंबर तक का समय काफी अहम होता है। इस दौरान पंजाब, हरियाणा सहित पड़ोसी राज्यों में पराली जलाई जाती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.