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दो साल में भविष्य की मजबूत बुनियाद

मोदी सरकार के दो साल पूरे हो रहे हैं। जाहिर है कि 'अच्छे दिन' की कड़ी परीक्षा होगी। सरकार की ओर से दावे किए जाएंगे तो सवाल भी पूछे जाएंगे।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Sat, 21 May 2016 08:03 PM (IST)Updated: Sun, 22 May 2016 08:35 AM (IST)
दो साल में भविष्य की मजबूत बुनियाद

नई दिल्ली, [आशुतोष झा]। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार की एक उपलब्धि याद करने को कहा जाए तो सड़कें याद आती हैं। वाजपेयी ने जहां छोड़ा था भाजपा के ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वहीं से न सिर्फ शुरूआत की बल्कि नई सोच, साहसिक फैसले और बेरोक टोक क्रियान्वयन पर जोर देकर यह सुनिश्चित कर लिया कि भारत में विकास के लिए जरूरी बुनियाद को दिशा और दशा मिल जाए। सड़क और रेल हो या बिजली पहली बार भारत बड़़ा लक्ष्य रखने और उसे पूरा करने की पहल का साहस जुटा पाया है।

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मोदी सरकार के दो साल पूरे हो रहे हैं। जाहिर है कि 'अच्छे दिन' की कड़ी परीक्षा होगी। सरकार की ओर से दावे किए जाएंगे तो सवाल भी पूछे जाएंगे। पर एक बात कही जा सकती है कि मोदी सरकार ने पहले दो साल में यह जरूर सुनिश्चित कर लिया है कि आम जनता के जीवन से जुड़ने वाले क्षेत्रों पर नजर रहे। यातायात, परिवहन और बिजली ऐसे ही क्षेत्र हैं। बिजली की दिशा में पहली बार प्रभावी फैसले भी हुए और उसे लागू भी किया है। उसी का असर है कि आज भारतीय उर्जा क्षेत्र घाटे से बाहर निकलने के दौर में है। उद्योगों को इसकी कमी न होगी इसका भरोसा दिया जा रहा है।

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दिखने में थोड़ा वक्त लग सकता है लेकिन सरकारी आंकड़ों को मान लें तो शायद अब गंदगी से पटी, लेटलतीफ भारतीय रेल अपनी छवि बदलने के करीब है। पिछले कुछ दिनों में जिस तरह यात्री सुविधा और सुरक्षा को लेकर रेल मंत्रालय एक ट्वीट पर तत्पर दिखा उसने रेलवे यात्रियों को न सिर्फ सम्मान का अहसास करा दिया बल्कि यह विश्वास भी पैदा हो गया है कि रेलवे की यात्रा दोयम दर्जे की नहीं कही जा सकती है।

बुलेट ट्रेन भारत के लिए आसान नहीं है, खासकर तब जबकि हर काम के साथ आलोचनाओं की रेल चलती हो, पर प्रधानमंत्री यह संकेत देने में सफल रहे हैं कि सोच है, वक्त आया तो उसे लागू भी किया जा सकता है। सड़कें अब रोजाना18 किलोमीटर बनाने का दावा है। लक्ष्य है 30 किलोमीटर। हां, हवाई यातायात जरूर सरकार की सोच में थोड़ी पीछे रह गई है। सड़क और रेल की कीमत के बराबर हवाई यात्रा करने, छोटे स्थानों पर हवाई सेवा शुरू करने जैसे कुछ सुधारों के संकेत मिले हैं। दो साल गुजर चुका है। यह देखने की बात होगी कि मोदी सरकार की प्राथमिकता में यह किस स्थान तक पहुंचती है।

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