सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले को लेकर देश में सुरक्षा-व्यवस्था के सख्त इंतजामात
केंद्र की एडवायजरी के बाद ही यूपी के अलीगढ़ मेरठ सहारनपुर के अलावा महाराष्ट्र आंध्र प्रदेश व कर्नाटक के कई शहरों में भी एहतियातन धारा 144 लागू की गई।
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। अयोध्या जन्मभूमि जमीन विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के संदर्भ में जिस तरह से पूरे देश में सुरक्षा व्यवस्था के इंतजामात किये गये हैं वे भी कम ऐतिहासिक नहीं है। केंद्र सरकार के भीतर बेहद उच्च स्तर पर न सिर्फ घरेलू सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने के प्रबंध किये गये हैं बल्कि इसे सख्ती से लागू किया जाए इसकी भी गारंटी की जा रही है। देश में हिंदू-मुस्लिम फसादों के लिए संवेदनशील माने जाने वाले शहरों व स्थलों की विशेष निगरानी से लेकर सोशल मीडिया को लेकर खास तौर पर सतर्कता बरती जा रही है।
देश में थी सुरक्षा की अभूतपूर्व व्यवस्था
उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक सिर्फ प्रशासन के स्तर पर ही मुस्तैदी नहीं बढ़ाई गई बल्कि राजनीतिक स्तर पर भी इस बात की पूरी कोशिश की गई है कि देश के हर कोने से सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया आए। पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने पहले ही देशवासियों के साथ ही भाजपा के कार्यकर्ताओं को भी यह संदेश दे दिया था कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को जीत या हार के तौर पर नहीं लेना है। सरकार से विमर्श के बाद आरएसएस की तरफ से विश्वास बहाली की कोशिश की गई। आरएसएस के वरिष्ठ नेताओं ने फैसला आने से ठीक एक हफ्ते पहले शुक्रवार को भाजपा के मुस्लिम नेताओं से अलग से बैठक की।
फैसला आने के पूर्व नकवी ने की थी मुस्लिम नेताओं से मुलाकात
राजग सरकार ने अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी को इस काम में खास तौर पर लगाया कि वह देश के विभिन्न हिस्सों का दौरा करें और प्रबुद्ध मुस्लिम नेताओं के साथ विमर्श करें। इस क्रम में नकवी ने दिल्ली, मुंबई व केरल राज्य में खास तौर पर मुस्लिम नेताओं से मुलाकात की।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सभी वर्ग स्वीकार करें
इस दौरान उनका इसी बात पर जोर रहा कि सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला हो उसे सभी वर्गो की तरफ से स्वीकार किया जाना चाहिए। शहनवाज हुसैन, शाजिया इल्मी जैसे नेताओं को भी अलग अलग क्षेत्र में संपर्क अभियान में लगाया गया। इन नेताओं ने देश के तमाम क्षेत्रों के बड़े व प्रभावशाली मस्जिदों के इमामों से मिल कर मुस्लिम समाज में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार करने पर चर्चा की गई।
फैसला आने के पहले गृह मंत्रालय ने राज्यों को एडवायजरी जारी की थी
सरकारी सूत्रों के मुताबिक पिछले सप्ताह से देश की खुफिया ब्यूरो व अन्य सतर्कता एजेंसियों के बीच संपर्क बढ़ा दिया गया था और हर सूचनाओं को एक दूसरे से साझा किया जा रहा था। फैसला आने के पहले ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जिस तरह से सभी राज्यों को एडवायजरी जारी कर सतर्क किया ता उसका असर शनिवार को भी दिखाई दिया।
कई शहरों में एहतियातन धारा 144 लागू की गई
केंद्र की एडवायजरी के बाद ही उत्तर प्रदेश के अलीगढ़, मेरठ, सहारनपुर के अलावा महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश व कर्नाटक के कई शहरों में भी एहतियातन धारा 144 लागू की गई। देश के कई शहरों पर राज्यों की पुलिस की सतर्कता का आलम यह था कि कुछ जगहों पर पटाखे फोड़ने की सूचना मिलते ही कार्रवाई की गई।
कई राज्यों में केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती
कई राज्यों में अतिरिक्त केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती की गई थी। कुछ राज्यों ने शुक्रवार देर रात से ही प्रमुख चौराहों व जगहों पर सुरक्षा बलों को तैनात कर दिया था। दिल्ली पुलिस ने पहले ही यह ऐलान कर दिया था कि शांति व्यवस्था भंग करने वालों के साथ बेहद सख्ती से निबटा जाएगा।
पुलिस की थी सोशल मीडिया पर नजर
दिल्ली पुलिस, यूपी पुलिस, कर्नाटक पुलिस ने पहले ही यह स्पष्ट कर दिया था कि उनकी नजर सोशल मीडिया पर ही होगी और जो लोग अफवाह फैलाने का काम करेंगे उनके खिलाफ वो ज्यादा सतर्कता बरतेंगे।
टीवी चैनलों से कहा गया कि कार्यक्रमों में भड़काऊ बयानबाजी न हो
यही नहीं टीवी चैनलों व अन्य मीडिया को भी सावधान किया गया कि उनके कार्यक्रमों में किसी भी तरह की भड़काऊ बयानबाजी न हो। खास तौर पर आज कल जिस तरह से दो संप्रदायों के लोगों को बिठा कर एक दूसरे पर कीचड़ उछालने का काम होता है उसको लेकर सतर्क किया गया।