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इस साल भी पराली जलाने में अव्‍वल पंजाब, पिछले साल की तुलना में 46 फीसद बढ़ा आगे

इस साल सबसे अधिक पराली जलाने के मामले पंजाब में रिकॉर्ड किए गए। पिछले साल की तुलना में इस साल और अधिक पराली जलाई गई। दोनों सालों का अंतर देखें तो इस साल पंजाब में 46.5 फीसद अधिक पराली जलाने के मामले सामने आए हैं।

By Monika MinalEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2020 02:28 PM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2020 02:28 PM (IST)
इस साल भी पराली जलाने में अव्‍वल पंजाब, पिछले साल की तुलना में 46 फीसद बढ़ा आगे
इस साल पंजाब में 46 फीसद अधिक जली पराली

नई दिल्‍ली, प्रेट्र। हर साल की तरह इस बार भी दिल्‍ली की आबो हवा को प्रदूषित करने वाले पंजाब और हरियाणा में बेरोक टोक पराली जलाई गई।  केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board, CPCB) के अनुसार, प्राप्‍त आंकड़े पिछले साल की तुलना में 46.5 फीसद अधिक है। वहीं हरियाणा के खेतों में पराली जलाने की घटना इस साल 28.6 फीसद कम हो गई है।  

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हर साल ठंड की शुरुआत के साथ पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने का काम शुरू हो जाता है जिससे दिल्‍ली में प्रदूषण फैलता है। मंगलवार को जारी किए गए आंकड़ों प्रदूषण वॉचडॉग CPCB ने बताया कि 2020 में कुल पराली जलाए जाने के मामलों  का आंकड़ा 76,537 रहा जो पिछले साल यानि 2019 में 52,225 (between 21 September and 22 November) था। 

CPCB की ओर से गत 11 नवंबर को जारी आदेश में हरियाणा और पंजाब सरकारों से पराली और दिल्ली में कचरा जलाए जाने पर रोक लगाने को कहा था। बता दें कि मोबाइल एप के जरिए CPCB हवा की गुणवत्‍ता, AQI की जानकारी देता है। एप पर लोग प्रदूषण से संबंधित निर्देशों और नियमों के उल्लंघन की शिकायत भी कर सकते हैं।

इस साल 22 सितंबर से 17 नवंबर के बीच सिर्फ पंजाब में ही पराली जलाए जाने के 74,236 मामले रिकॉर्ड किए गए। इससे यह स्‍पष्‍ट है कि 2016 के बाद से ये आंकड़े सबसे अधिक है। खरीफ  फसलों के मौसम में 2016 में पंजाब में आग की 80,879 घटनाएं हुई जो 2017 में  43,660, 2018 में 49,905 और 2019 में 51,946 था। 

CPCB की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, पंजाब के संगरूर, बठिंडा और फिरोजपुर में सबसे ज्यादा पराली जलाई गई। पिछले वर्ष की तुलना में क्रमश: 45.7%, 35% और 40.5% की वृद्धि दर्ज की गई। वहीं मोगा, अमृतसर, फाजिल्का, लुधियाना में 2019 की तुलना में पराली जलाने के मामलों में 75 फीसद से अधिक की वृद्धि हुई। हरियाणा में इस साल पराली जलाने के 4,675  मामले सामने आए। 


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