Move to Jagran APP

कोरोना वैक्सीन की किल्लत के बीच 44 दिन में राज्यों ने लगाई 41 लाख अतिरिक्त डोज

मध्य प्रदेश में टीका बेकार जाने का प्रतिशत जनवरी से अप्रैल के बीच चार तक पहुंच गया था। इसके बाद एक-एक डोज का उपयोग करने की रणनीति बनी। इसी के चलते एक मई से 13 जुलाई के बीच तीन लाख 55 हजार अतिरिक्त डोज लगाई गई।

By Neel RajputEdited By: Published: Mon, 26 Jul 2021 08:09 PM (IST)Updated: Mon, 26 Jul 2021 08:09 PM (IST)
कोरोना वैक्सीन की किल्लत के बीच 44 दिन में राज्यों ने लगाई 41 लाख अतिरिक्त डोज
कर्मचारियों को प्रशिक्षण देकर शीशी में उपलब्ध अतिरिक्त डोज का किया सदुपयोग

भोपाल, जेएनएन। देशभर में कोरोना के टीके की किल्लत के बीच अच्छी खबर है। ज्यादातर राज्यों ने शीशी में उपलब्ध एक अतिरिक्त डोज का भी सदुपयोग किया है। एक मई से 13 जुलाई के बीच 29 राज्यों ने कोविशील्ड की शीशी में उपलब्ध यह अतिरिक्त डोज 41 लाख 11 हजार लोगों को लगाई है। इसमें सबसे अधिक पांच लाख 88 हजार अतिरिक्त डोज तमिलनाडु ने निकालीं। मप्र में छठवें स्थान पर है। प्रदेश में इस अवधि में तीन लाख 55 हजार अतिरिक्त डोज लगाई गईं।

loksabha election banner

मध्य प्रदेश में टीका बेकार जाने का प्रतिशत जनवरी से अप्रैल के बीच चार तक पहुंच गया था। इसके बाद एक-एक डोज का उपयोग करने की रणनीति बनी। इसी के चलते एक मई से 13 जुलाई के बीच तीन लाख 55 हजार अतिरिक्त डोज लगाई गई। हालांकि इससे पहले की अवधि 16 जनवरी से 30 अप्रैल तक बेकार हुई डोज की संख्या इतनी ज्यादा थी कि तीन लाख 55 हजार से घटाने के बाद इसकी संख्या दो लाख 88 हजार 046 ही होती है। अतिरिक्त डोज को कोविन पोर्टल पर ऋणात्मक रूप में दर्शाया जाता है। मप्र के राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ. संतोष शुक्ला ने बताया कि एक बार शीशी खोलने के बाद बची डोज चार घंटे में खराब हो जाती हैं। मार्च-अप्रैल में कोरोना का बहुत ज्यादा संक्रमण होने के साथ ही लोगों में टीकाकरण के प्रति जागरूकता कम थी। ऐसे में कई जगह आखिर में डोज बच जाती थीं जिन्हें नष्ट करना पड़ता था।

अतिरिक्त डोज निकालने वाले टॉप छह राज्य

  • तमिलनाडु- 5,88,243
  • पश्चिम बंगाल- 4,87,147
  • गुजरात- 4,62,819
  • केरल- 3,92,409
  • महाराष्ट्र- 3,59,493
  • मध्य प्रदेश- 3,55,259

अतिरिक्त डोज निकालने वाले मप्र के टॉप पांच जिले

जिला निकाले गए अतिरिक्त डोज

उज्जैन 27,978

भोपाल 27,977

मुरैना 21,019

इंदौर 15,779

बैतूल 15,359

ऐसे निकाली जाती है अतिरिक्त डोज

राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ. संतोष शुक्ला ने बताया कि भोपाल जिले के फंदा ब्लॉक में एक नर्स शीशी में बची हुई डोज नष्ट करने के लिए रख रही थी। नर्स ने ही खुद सुझाव दिया कि यह अतिरिक्त डोज किसी जरूरतमंद व्यक्ति को लगाई जा सकती है। इसके बाद से ही अतिरिक्त डोज को लगाने की शुरुआत प्रदेश में हुई। एक वीडियो बनाकर यूट्यूब के जरिए टीकाकरण करने वाले कर्मचारियों तक पहुंचाया गया। उन्होंने बताया कि कोविशील्ड की 10 डोज की एक शीशी होती है। एक अतिरिक्त डोज 0.5 एमएल का भी उसी शीशी में रहता है ताकि सिरिंज से एयर निकालते समय कुछ बूंदें बेकार भी हो जाएं तो भी 10 लोगों को आसानी से लगाया जा सके। यह अतिरिक्त डोज करीब दो महीने पहले तक शीशी के साथ फेंक दी जाती थी लेकिन अब इसका उपयोग किया जा रहा है। कोवैक्सीन में अतिरिक्त डोज नहीं रहती। उन्होंने बताया कि टीका लगाने में उपयोग होने वाली सिरिंज में 0.5 एमएल डोज निकलने के बाद सिरिंज लाक हो जाती है, जिससे डोज कम-ज्यादा नहीं निकलती।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.