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एसपीजी ने 200 कर्मियों को उनके मूल संगठन में भेजा वापस, आंतरिक सुरक्षा में किया जाएगा बेहतर इस्तेमाल

एसपीजी की स्थापना 1985 में हुई थी। इसमें विभिन्न अर्धसैनिक या केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के सदस्यों को प्रतिनियुक्ति पर रखा जाता है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sun, 02 Aug 2020 07:50 PM (IST)Updated: Sun, 02 Aug 2020 07:54 PM (IST)
एसपीजी ने 200 कर्मियों को उनके मूल संगठन में भेजा वापस, आंतरिक सुरक्षा में किया जाएगा बेहतर इस्तेमाल
एसपीजी ने 200 कर्मियों को उनके मूल संगठन में भेजा वापस, आंतरिक सुरक्षा में किया जाएगा बेहतर इस्तेमाल

नई दिल्ली, प्रेट्र। स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) ने अपने 200 कर्मियों को उनके संबंधित सुरक्षा बलों में वापस भेजने का आदेश दिया है। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि हाल में संशोधित संगठन के नए आदेश-पत्र के मुताबिक एसपीजी की सुरक्षा सिर्फ प्रधानमंत्री को मिलेगी। शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि करीब 4,000 प्रशिक्षण प्राप्त कमांडो की क्षमता वाले विशिष्ट संगठन ने क्रमिक रूप से अपने कर्मियों को उनके मूल संगठनों में भेजने का फैसला किया है। अब आंतरिक सुरक्षा से संबंधित विभिन्न सेवाओं में उनका बेहतर इस्तेमाल किया जाएगा।

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अधिकारियों ने कहा कि आने वाले दिनों में एसपीजी धीरे-धीरे और कर्मियों को उनके मूल संगठनों में वापस भेजेगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा के लिए अपनी स्वीकृत क्षमता के सिर्फ 50-60 फीसद से काम करेगी। उन्होंने कहा कि यह पहला मौका है, जब संगठन ने एक बार में इतने कर्मियों और अधिकारियों को उनके मूल संगठनों में वापस भेजा है।

केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के सदस्यों को प्रतिनियुक्ति

एसपीजी की स्थापना 1985 में हुई थी। इसमें विभिन्न अर्धसैनिक या केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और कुछ राज्य पुलिस इकाइयों और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के सदस्यों को प्रतिनियुक्ति पर रखा जाता है। कैबिनेट सचिवालय द्वारा शनिवार को जारी आदेश के मुताबिक एसपीजी की विभिन्न संचालन इकाइयों में तैनात करीब 200 कर्मियों को एजेंसी में उनका विस्तारित सेवाकाल पूरा होने पर उनकी मूल इकाइयों में भेज दिया गया है।

इस सूची में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के कम से कम 86 अधिकारी और कर्मी, सीमा सुरक्षा बल के 45, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के 23, सशस्त्र सीमा बल के 24, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के 17 कर्मियों के अलावा रेलवे सुरक्षा बल, राजस्थान पुलिस और खुफिया ब्यूरो के कुछ कर्मचारी शामिल हैं। अधिकारियों ने कहा कि एसपीजी में नए कर्मियों को शामिल किए जाने में भी काफी कमी आएगी, क्योंकि बल के पास अभी सिर्फ एक व्यक्ति की सुरक्षा का जिम्मा है।


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