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विजय माल्या को विशेष अदालत का समन, 27 अगस्त तक पेशी का आदेश

विशेष पीएमएलए अदालत ने शराब कारोबारी विजय माल्या को 27 अगस्त तक पेश होने का आदेश दिया है।

By Manish NegiEdited By: Published: Sat, 30 Jun 2018 05:47 PM (IST)Updated: Sat, 30 Jun 2018 09:40 PM (IST)
विजय माल्या को विशेष अदालत का समन, 27 अगस्त तक पेशी का आदेश
विजय माल्या को विशेष अदालत का समन, 27 अगस्त तक पेशी का आदेश

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। नए कानून के तहत अपनी संपत्तियों को बचाने की विजय माल्या की जुगत काम नहीं आ रही है। संपत्तियों को जब्त करने की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पहल पर मुंबई की विशेष अदालत ने माल्या को नोटिस भेजकर तलब किया है। इस मामले में ईडी की अर्जी दाखिल करने के तत्काल बाद माल्या ने चुप्पी तोड़ी थी और अपनी संपत्तियां बेचकर बैंकों के कर्ज चुकाने की पेशकश की थी। लेकिन ईडी ने उनकी पेशकश पर कोई तवज्जो नहीं दी।

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प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत मुंबई की विशेष अदालत ने विजय माल्या को नोटिस जारी कर 27 अगस्त तक हाजिर होने के आदेश दिया है। यदि माल्या इसके पहले अदालत में पेश नहीं हुए, तो अदालत नए भगोड़ा कानून के तहत उनकी संपत्तियों को जब्त करने का आदेश दे सकती है। बैंकों के साथ हजारों करोड़ रुपये की धोखाधड़ी कर विदेश भाग जाने वालों को बढ़ती संख्या को देखते हुए मोदी सरकार ने संसद के पिछले बजट सत्र में भगोड़ा कानून पास कराया था। इस कानून के तहत आर्थिक अपराध में भगोड़ों की संपत्ति जब्त करने का प्रावधान है।

ईडी पहली बार इस कानून का इस्तेमाल माल्या के खिलाफ करने जा रहा है। 22 जून को ईडी ने माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कराने और उसकी 12,500 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त करने के लिए कोर्ट में अपील की थी। इसके तहत अचल संपत्तियों के साथ-साथ शेयर्स जैसी चल संपत्तियों को जब्त करने का प्रस्ताव किया गया था।

ईडी के मंसूबों को देखते हुए विजय माल्या भी अपनी संपत्तियों को बचाने की कोशिश में जुट गए हैं। इसी हफ्ते एक खुला पत्र जारी कर माल्या ने बैंकों के सारे कर्ज लौटाने और किंगफिशर एयरलाइंस के कर्मचारियों का बकाया वेतन चुकाने का प्रस्ताव किया था। माल्या का कहना है कि ईडी उनकी 13,900 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त कर रहा है। जबकि उनकी देनदारी पांच-छह हजार करोड़ रुपये से अधिक की नहीं है। इस सिलसिले में माल्या ने 22 जून को ही कर्नाटक हाई कोर्ट में अपील भी दाखिल की थी। इसी में उन्होंने इन संपत्तियों को बेचकर कर्ज अदायगी का मौका देने की मांग की है। खुले पत्र में माल्या का कहना था कि उन्होंने अपना पक्ष रखने के लिए 15 अप्रैल, 2016 को प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री दोनों को पत्र भी लिखे थे, लेकिन दोनों में से किसी की ओर से कोई जवाब नहीं आया। माल्या ने कहा कि जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने के मामलों में उन्हें 'पोस्टर ब्वॉय' बना दिया गया है।

बता दें कि विजय माल्या इन दिनों लंदन में रह रहे हैं। उन्हें भारत प्रत्यर्पित करने के लिए मोदी सरकार ब्रिटेन में मुकदमा भी लड़ रही है। जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने के मामले में ईडी और सीबीआइ दोनों ने उनके खिलाफ मामले दायर कर रखे हैं।


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