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मालेगांव केस में इस महीने दूसरी बार अदालत में तारीख पर पेश नहीं हुई प्रज्ञा ठाकुर, जानें कोर्ट ने क्‍या कहा

मालेगांव में 2008 में हुए बम धमाकों के मामले में आरोपी प्रज्ञा ठाकुर इस महीने दूसरी बार अदालत में तारीख पर पेश नहीं हुईं। उनके वकील ने कहा कि उन्हें दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस पर अदालत ने एकबार फिर नाराजगी जाहिर की...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 19 Dec 2020 08:24 PM (IST)Updated: Sat, 19 Dec 2020 08:24 PM (IST)
मालेगांव केस में इस महीने दूसरी बार अदालत में तारीख पर पेश नहीं हुई प्रज्ञा ठाकुर, जानें कोर्ट ने क्‍या कहा
मालेगांव बम धमाकों के मामले में आरोपित प्रज्ञा सिंह ठाकुर विशेष एनआइए अदालत के समक्ष पेश नहीं हुई।

मुंबई, पीटीआइ। मालेगांव में 2008 में हुए बम धमाकों के मामले में आरोपित भोपाल से भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर शनिवार को यहां विशेष एनआइए अदालत के समक्ष पेश नहीं हुई। यह एक महीने में दूसरा मौका है, जब प्रज्ञा अदालत में तारीख पर पेश नहीं हुई। प्रज्ञा के वकील ने कहा कि उन्हें शुक्रवार को दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिसकी वजह से वह अदालत नहीं पहुंच सकीं।

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अदालत में पांच आरोपित मौजूद थे। न्यायाधीश पीआर शित्रे ने दो अन्य आरोपितों की गैर मौजूदगी पर नाखुशी जाहिर की। अदालत ने इसके बाद सभी सातों आरोपितों को चार जनवरी को अपने समक्ष पेश होने का निर्देश दिया। सांसद की तरफ से पेश वकील जेपी मिश्रा ने कहा, दिल्ली के एम्स में प्रज्ञा का अप्रैल से ही इलाज चल रहा है। वह वहां जांच के लिए गई थीं। उनकी चिकित्सा जांच रिपोर्ट देखने के बाद डॉक्टरों के निर्देश पर शुक्रवार को उन्हें भर्ती होना पड़ा।

प्रज्ञा के अलावा एक अन्य आरोपित सुधाकर चतुर्वेदी भी व्यक्तिगत कारणों का हवाला देकर अदालत में पेश नहीं हुआ। अदालत ने मामले के सातों आरोपितों को तीन दिसंबर को पेश होने का निर्देश दिया था। हालांकि, ठाकुर समेत अधिकतर आरोपित महामारी की स्थिति का हवाला देते हुए तब अदालत में पेश नहीं हुए थे। इसके बाद अदालत ने उनसे 19 दिसंबर को पेश होने के लिए कहा था।

उल्‍लेखनीय है कि महाराष्ट्र में मुंबई से 200 किलोमीटर दूर स्थित मालेगांव में एक मस्जिद के निकट 29 सितंबर, 2008 को एक मोटरसाइकिल में बांध कर रखे गए बम में धमाके से छह लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इस मामले की जांच एनआईए कर रही है। पुलिस के मुताबिक, यह मोटर साइकिल प्रज्ञा ठाकुर के नाम पर पंजीकृत थी। इसी आधार पर उन्हें 2008 में गिरफ्तार किया गया था। बांबे हाई कोर्ट ने साल 2017 में प्रज्ञा ठाकुर को जमानत दे दी थी। 


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