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एमआरआइ के दौरान मरीज के शरीर को गर्म रखेगा विशेष गद्दा, बेहद कम तापमान की वजह से होती है परेशानी

इस गद्दे में फेज चेंज मटेरियल के रूप में पैराफिन का उपयोग किया है जो कम तापमान में अपनी अवस्था बदल लेता है। जब यह गद्दा एमआरआइ रूम में मरीज के शरीर के संपर्क में आता है तो उसे ऊर्जा देता है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Tue, 02 Mar 2021 07:29 PM (IST)Updated: Tue, 02 Mar 2021 07:35 PM (IST)
एमआरआइ के दौरान मरीज के शरीर को गर्म रखेगा विशेष गद्दा, बेहद कम तापमान की वजह से होती है परेशानी
इंजीनियरिंग के पांच विद्यार्थियों ने सुझाया समाधान

अजय जैन, विदिशा। मध्य प्रदेश के विदिशा में इंजीनियरिंग के पांच विद्यार्थियों ने एक ऐसा गद्दा तैयार किया है, जिस पर लेटकर एमआरआइ या पीईटी स्कैन करवाने के दौरान मरीज के शरीर के तापमान को सामान्य रखा जा सकता है। दोनों आधुनिक जांचों में कक्ष का तापमान बहुत कम रखा जाता है। इससे मरीजों को काफी परेशानी होती है। करीब एक साल की मेहनत के बाद तैयार इस गद्दे को बनाने में मात्र पांच हजार रुपये का खर्च आया है। हाल ही में दिल्ली में आयोजित स्मार्ट इंडिया हेकाथान-2020 में इसके मॉडल ने एक लाख रुपये का पहला इनाम जीता है।

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पिछले वर्ष स्मार्ट इंडिया अभियान के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के शीर्ष उद्योगपतियों की बैठक में भाग लिया था। इसमें उन्होंने समस्याएं भी जानी थीं। इसी बैठक में चिकित्सा उपकरण बनाने वाली एक बहुराष्ट्रीय कंपनी की ओर से बताया गया था कि मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (एमआरआइ) और पॉजिट्रॉन इमिशन टोमोग्राफी (पीईटी) स्कैन के दौरान कमरे का तापमान काफी कम रहता है। इससे न केवल मरीज को परेशानी होती है, बल्कि उनके ठिठुरने की वजह से स्कैनिंग की रिपोर्ट भी त्रुटिपूर्ण होने की आशंका रहती है। इसी समस्या के निदान के लिए सम्राट अशोक टेक्नोलॉजिकल इंस्टीट्यूट (एसएटीआइ) के मैकेनिकल विभाग के तृतीय वर्ष के छात्रों को प्रोजेक्ट मिला था। एमआरआइ में शरीर के अंदरूनी अंगों की जांच होती है तो पीईटी स्कैन में अंग और ऊतक किस तरह काम कर रहे हैं, इसका पता लगाया जाता है।

इस तरह तैयार हुआ विशेष गद्दा

विशेष गद्दा बनाने वाली टीम में अश्विन पोपंड्या, कुणाल पवार, नेहा डोडवा, गोविंद कुशवाह और शुभम कुशवाह शामिल थे। टीम के गाइड प्रो. अजय सोनारे और आशीष खैरा ने बताया कि इस गद्दे में फेज चेंज मटेरियल के रूप में पैराफिन का उपयोग किया है, जो कम तापमान में अपनी अवस्था बदल लेता है। जब यह गद्दा एमआरआइ रूम में मरीज के शरीर के संपर्क में आता है तो उसे ऊर्जा देता है। इससे मरीज के शरीर का तापमान सामान्य हो जाता है। अभी इसे मॉडल के तौर पर बनाया गया है। इसका उपयोग ठंड से बचाव के लिए भी किया जा सकता है।

एसटीआइ विदिशा के डायरेक्टर डॉ जनार्दन ने बताया कि कालेज के विद्यार्थियों ने आइआइटी पलक्कड़ (केरल) की टीम को हराकर यह सफलता हासिल की है। इस समाधान से मेडिकल उपकरण बनाने वाली कंपनियों, अस्पताल संचालकों एवं मरीजों को काफी राहत मिलेगी।

विदिशा के मेडिकल कॉलेज के रेडियोलॉजिस्ट डॉ राहिल शर्मा ने कहा कि एमआरआइ मशीन को हमेशा ठंडा रखने के लिए कक्ष में चीलर का उपयोग किया जाता है। बेहद कम तापमान से 30 फीसद मरीजों को काफी परेशानी होती है। मरीज कांपने लगते हैं। इससे परीक्षण के दौरान रिपोर्ट भी त्रुटिपूर्ण आ सकती है। इसका प्रभाव मरीज के इलाज पर भी पड़ता है। यदि यह गद्दा कक्ष में मरीज के शरीर के तापमान को सामान्य रखता है तो यह बहुत बड़ी उपलब्धि होगी।


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