यूपीएससी टॉपर नंदिनी से खास बातचीत, जानिए- सफलता की कहानी
फरीदाबाद स्थित नेशनल अकादमी ऑफ कस्टम एक्साइज एंड नारकोटिक्स (नासेन) में नंदिनी आइआरएस का पिछले पांच माह से प्रशिक्षण ले रही हैं।
नई दिल्ली। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने 2016 बैच का परिणाम बुधवार सायं घोषित कर दिया। मूलतया कर्नाटक के कोलार जिला की रहने वाली 2015 बैच की आइआरएस नंदिनी के आर ने आइएएस में ऑल इंडिया टॉप किया है। 15 सितंबर 1990 को जन्मी नंदिनी के पिता शिक्षक हैं तथा माता गृहणी। नंदिनी का एक छोटा भाई भी है। फरीदाबाद स्थित नेशनल अकादमी ऑफ कस्टम एक्साइज एंड नारकोटिक्स (नासेन) में नंदिनी आइआरएस का पिछले पांच माह से प्रशिक्षण ले रही हैं। नंदिनी को इंडिया टॉप करने की जानकारी सबसे पहले उनके बैच की आइआरएस साथी खुशबू ने दी।
दैनिक जागरण के मुख्य संवाददाता बिजेंद्र बंसल ने उनसे उनकी इस बड़ी सफलता राज जानने का प्रयास किया, प्रस्तुत है बातचीत के प्रमुख अंश:
ऑल इंडिया टॉप करने पर कैसा अनुभव हो रहा है?
-मैंने चौथे प्रयास में आइएएस क्लीयर किया है। दूसरे प्रयास में मुझे आइआरएस में मौका मिला था। आइएएस में इंडिया टॉप करना मेरे लिए जीवन की सबसे बड़ी खुशी का क्षण है। मैं बहुत खुश हूं। मेरे पिता हाईस्कूल में शिक्षक हैं, यह सफलता मैं उनको समर्पित करती हूं। माता-पिता मेरे आदर्श हैं। मैं अपने पिता के आदर्श जीवन को सिविल सर्विस में कार्य करते हुए अपनाना चाहती हूं।
आपकी सफलता का राज क्या है, इस मुकाम पर पहुंचने के लिए क्या खास प्रयास किए?
मैंने शुरू से ही सिविल सर्विस में जाने का लक्ष्य तय किया हुआ था। चार बार परीक्षाओं की तैयारी मैंने एक ही समयसारिणी से की मगर इस बार सोच से भी ज्यादा सफलता मिली है। कह सकती हूं कि मेरा लक्ष्य तय था और इसकी तैयारी के लिए मैं सबसे ज्यादा अहमियत कड़ी मेहनत को देती हूं। एकाग्रचित होकर सफलता का कोई भी मुकाम पाया जा सकता है।
लड़कियां हर क्षेत्र में बाजी मार रही हैं,इसकी कितनी खुशी है आपको?
यह पहली बार नहीं है जब लड़कियां सफलता के मुकाम छू रही हैं। लड़कियां कई क्षेत्रों में काफी आगे हैं।
आपकी शुरुआती पढ़ाई कहां हुई?
-मेरी प्राइमरी, माध्यमिक शिक्षा कर्नाटक के कोलार जिला में हुई। मैंने बचपन से कन्नड़ भाषा में पढ़ाई की है।
आपकी रुचि क्या हैं?
-मेरी रुचि साहित्य पढ़ने में है। बचपन से ही कन्नड़ व अंग्रेजी में साहित्य पढ़ती रही हूं। हां, अब कुछ समय से हिन्दी पढ़ने का भी प्रयास कर रही हूं। हिन्दी से भी मेरा लगाव हो रहा है।
देश में तीन प्रमुख समस्याएं क्या मानती हैं?
- महिलाओं के साथ होने वाला भेदभाव।
-भ्रष्टाचार को राजनीतिक संरक्षण
-लोगों के नैतिक मूल्यों में गिरावट
आप आइएएस अधिकारी बनकर क्या विशेष करना चाहेंगी?
मैं अपना सर्वश्रेष्ठ इस दौरान देना चाहती हूं। खासतौर पर मैं महिलाओं को सशक्त करने के लिए काम करना चाहती हूं। समाज के मौजूदा दौर में एक अच्छा नागरिक बनाना ज्यादा जरूरी है।
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