कोल ब्लॉक आवंटन घोटाले में सजा पर फैसला अाज
पटियाला हाउस कोर्ट के विशेष सीबीआइ जज भरत पराशर इस मामले में सोमवार को सजा की अवधि पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुनाएंगे।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। कोल ब्लॉक आवंटन घोटाले में दोषी करार दिए गए पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता व अन्य अधिकारियों को सीबीआइ ने अधिकतम सजा दिए जाने की मांग की है। सीबीआइ का कहना है कि भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत सभी दोषियों को अधिकतम सात साल कैद की सजा दी जानी चाहिए।
पटियाला हाउस कोर्ट के विशेष सीबीआइ जज भरत पराशर इस मामले में सोमवार को सजा की अवधि पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुनाएंगे। वरिष्ठ लोक अभियोजक वीके शर्मा ने अदालत में कहा कि सभी दोषियों ने आर्थिक अपराध किया है जोकि आम अपराध से कई गुना घातक होता है। इससे सख्ती से निपटा जाना बेहद जरूरी है।
वहीं, बचाव पक्ष ने अधिक उम्र और अन्य किसी आपराधिक मामले में संलिप्तता नहीं होने का हवाला देते हुए सजा में नरमी बरते जाने की मांग की। अदालत ने शुक्रवार को पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता, मंत्रालय के तत्कालीन संयुक्त सचिव केएस करोपहा, तत्कालीन निदेशक (कोयला आवंटन-1) केसी समरइया, मध्य प्रदेश की कंपनी कमल स्पोंज स्टील एंड पावर लिमिटेड (केएसएसपीएल) व उसके निदेशक पवन कुमार अहलूवालिया को गलत दस्तावेजों के आधार पर कोल ब्लॉक हासिल करने का दोषी करार दिया है।
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