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विवेक से नेता विपक्ष चुन सकती हैं अध्यक्ष : सोमनाथ

नई दिल्ली। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी का कहना है कि लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को नेता विपक्ष का चुनाव करना चाहिए। वर्तमान लोकसभा में किसी भी दल के पास नेता विपक्ष के पद का दावा करने के लिए अपेक्षित संख्याबल नहीं है।

By Edited By: Published: Sun, 27 Jul 2014 01:58 PM (IST)Updated: Sun, 27 Jul 2014 08:54 PM (IST)
विवेक से नेता विपक्ष चुन सकती हैं अध्यक्ष : सोमनाथ

नई दिल्ली। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी का कहना है कि लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को नेता विपक्ष का चुनाव करना चाहिए। वर्तमान लोकसभा में किसी भी दल के पास नेता विपक्ष के पद का दावा करने के लिए अपेक्षित संख्याबल नहीं है।

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पूर्व अध्यक्ष ने कहा, 'ऐसा करने से इस विवाद का भी पटाक्षेप हो जाएगा कि संसद में कोई नेता विपक्ष नहीं है। यह हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमजोर कर रहा है।' चटर्जी 2004-09 तक लोकसभा अध्यक्ष रहे थे। संसद में नेता विपक्ष के पद का दावा करने के लिए किसी दल के पास कुल सांसदों की संख्या का कम से कम 10 फीसदी संख्याबल होना आवश्यक है। हालांकि उन्होंने कहा कि इसे अध्यक्ष के विवेक पर छोड़ देना चाहिए। चटर्जी ने कहा, 'मेरा मानना है कि उचित संचालन के लिए किसी को नेता विपक्ष नियुक्त किया जाना चाहिए।

लोकतांत्रिक व्यवस्था में यह एक महत्वपूर्ण पद है।' चटर्जी की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जबकि अटॉर्नी (एजी) जनरल मुकुल रोहतगी ने कांग्रेस को इस पद के योग्य नहीं माना है। रोहतगी ने लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को इस बात से अवगत कराया कि पहली लोकसभा से अब तक किसी भी ऐसे दल को नेता विपक्ष का पद नहीं दिया गया है जिसके पास पर्याप्त संख्याबल नहीं हो।

उन्होंने उदाहरण दिया कि 1984 में राजीव गांधी की अगुवाई में कांग्रेस ने 400 से ज्यादा सीटें जीती थीं। उस समय कांग्रेस ने इसी नियम को आधार बनाते हुए तेदेपा को नेता विपक्ष का पद देने से इंकार कर दिया था। एजी ने कांग्रेसनीत संप्रग को नेता विपक्ष का पद देने के सवाल पर बताया कि पूर्व में किसी गठबंधन को यह पद देने का कोई मामला नहीं आया है।

कांग्रेस पर अनुचित आलोचना का नायडू का आरोप

भाजपा नेता वेंकैया नायडू ने नेता विपक्ष के मामले में कांग्रेस पर अनुचित आलोचना करने आरोप लगाया है। संसदीय मामलों के मंत्री नायडू ने कहा कि मामला लोकसभा अध्यक्ष के अधिकार क्षेत्र में है।

नायडू ने कहा, 'नेता विपक्ष का मामला सरकार के कार्यक्षेत्र में नहीं है। मैं इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहता। वे सरकार की आलोचना कर रहे हैं और इसे लोकतंत्र के खिलाफ बता रहे हैं। उनका कहना है कि नेता विपक्ष न होना लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है। वे लोकसभा अध्यक्ष की भी आलोचना कर रहे हैं कि उनका रुख सरकार से प्रभावित है। वे किस प्रभाव की बात कर रहे हैं। उन्हें अपने इतिहास पर भी विचार करना चाहिए।'

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