सोशल साइट्स से अभी तक दूर है सपा-बसपा व कांग्रेस
लोकसभा चुनाव का एक मैदान भले ही सोशल नेटवर्क पर तैयार हुआ हो, लेकिन उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ कांग्रेस का नए नेटवर्क्ड समाज से कोई बड़ा सरोकार नहीं है। इनके सोशल नेटवर्क चेहरे या तो नदारद हैं या फिर इस कदर फीके हैं कि लाइक्स व फॉलोइंग की होड़ के बीच इन्हें चाहने या
लखनऊ। लोकसभा चुनाव का एक मैदान भले ही सोशल नेटवर्क पर तैयार हुआ हो, लेकिन उत्तार प्रदेश में समाजवादी पार्टी , बहुजन समाज पार्टी के साथ कांग्रेस का नए नेटवर्क्ड समाज से कोई बड़ा सरोकार नहीं है। इनके सोशल नेटवर्क चेहरे या तो नदारद हैं या फिर इस कदर फीके हैं कि लाइक्स व फॉलोइंग की होड़ के बीच इन्हें चाहने या फॉलो करने वालों की तलाश ही मुश्किल है। आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जहां न्यू मीडिया की दुनिया में झंडे गाड़े हैं, वहीं सपा, बसपा व कांग्रेस के इंटरनेट चेहरों को देखकर लगता है कि यह पार्टियां सोशल साइट्स पर पनपे समाज को मानती ही नहीं हैं।
सपा युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की लोकप्रियता का चाहे जो दम भरे लेकिन फेसबुक पर केवल 60,000 लोगों के लाइक्स बताते हैं कि फेस बुक में अखिलेश को चाहने वाले ज्यादा नहीं हैं। अखिलेश इंटरनेट पर खूब सर्च किए गए हैं, लेकिन उनका दफ्तर और उनकी पार्टी लोकप्रियता बढ़ाने के लिए सोशल नेटवर्क के इस्तेमाल की कतई इच्छुक नहीं दिखती। समाजवादी पार्टी की ऑफिशियल वेबसाइट का ट्विटर से कोई कनेक्ट नहीं है। ट्विटर पर सपा के कुछ अकाउंट जरूर हैं, लेकिन कोई ताजे ट्वीट नहीं मिलते। समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय वेबसाइट खोलते ही 'मन से हैं मुलायम और इरादे लोहा हैं' का टैग सांग सुनाई देने लगता है, वेबसाइट पर कोई नया फीचर नहीं है।
उप्र कांग्रेस पार्टी की साइट तो यही कह रही है कि विधानसभा चुनाव में चार प्रदेशों में करारी हार के बाद भी पार्टी लोकसभा चुनाव के लिए गंभीर नहीं है। वेबसाइट को देखकर लगता है कांग्रेस युवाओं को जोड़ने में विश्वास ही नहीं रखती। ट्विटर पर कांग्रेस उत्तार प्रदेश की कोई आइडी नहीं है, और राष्ट्रीय आइडी तो है पर उसका फॉलो करने वालों में केवल 65000 लोग हैं। हालांकि पार्टी के मुख्य कार्यकर्ता जरूर सोशल साइट्स पर सक्रिय हैं, लेकिन ट्वीट्स निजी हैं।
बहुजन समाज पार्टी की आधिकारिक वेबसाइट और सोशल साइट पर सपा विरोधी लगभग खबरों को प्रमुखता से स्थान दिया गया है, लेकिन फॉलोइंग व लाइक्स का हाल बुरा है। फेसबुक पेज पर केवल 788 लाइक्स और ट्विटर पर 142 फॉलोअर्स के साथ इतनी बडी पार्टी न्यू मीडिया दुनिया में बेहद छोटी नजर आती है। ट्विटर पर अब तक बसपा कोई आधिकारिक ट्वीट नहीं है।
भाजपा ने पकड़ी युवा मतदाओं की नब्ज
भाजपा की न्यू मीडिया उपस्थिति कहीं ज्यादा मजबूत है। फेसबुक और ट्विटर पर पार्टी ताजा घटनाक्रम भी लगातार शेयर करती है। उत्तार प्रदेश की भाजपा साइट पर लगातार वीडियो चलता रहता है। जो कि विजिटर्स को वेबसाइट पर रोक के रखने का मुख्य बिंदु है। भाजपा की उत्तार प्रदेश की ट्विटर साइट को 7,000 से भी अधिक लोग फॉलो कर रहे हैं।
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