Republic Day 2019 chief guest: ट्रंप के इनकार के बाद रामफोसा बने मुख्य अतिथि
Republic Day 2019 chief guest: डोनाल्ड ट्रंप को दो साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी दौरे के वक्त निमंत्रण दिया था। जानें क्या है उनके इनकार की वजह।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। Republic Day 2019 chief guest: गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में इस बार दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहेंगे। पहले इस बार की परेड में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित करने की योजना थी, लेकिन ट्रंप ने आने से इनकार कर दिया। इसके बाद भारत के एक ऐसे राष्ट्राध्यक्ष की तलाश थी जिसे वह रणनीतिक और प्रतीकात्म महत्व के तौर पर प्रस्तुत कर सके। जानतें हैं दक्षिणी अफ्रीकी राष्ट्रपति को विशिष्ट अतिथि बनाने की क्या प्रमुख वजहें हैं।
गणतंत्र दिवस 2019 परेड में विशिष्ट अतिथि के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2017 में अमेरिका दौरे के वक्त राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को न्यौता दिया था। ट्रंप ने भारत न आ पाने की वजह अपनी व्यस्तता को बताया था। बताया गया था कि ट्रंप का स्टेट ऑफ यूनियन को 22 जनवरी से फरवरी के बीच संबोधित करने जाना है। उस वक्त संबोधन का कार्यक्रम तय नहीं था। ऐसे में भारत का निमंत्रण स्वीकार करने पर दोनों कार्यक्रम फंस सकते थे।
सायरिल रामफोसा को इस गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि बनाने की एक और वजह ये है कि भारत इस बार राष्ट्रपति महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाएगा। रामाफोसा, महात्मा गांधी और दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला के समर्थक माने जाते हैं। 75 वर्षीय जैकब जुमा के इस्तीफे के बाद 65 साल के सायरिल रामफोसा को वर्ष 2018 में ही अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस (एएनसी) का नया अध्यक्ष चुना गया था। रामफोसा ने फरवरी 2018 में ही दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति पद की शपत ली थी।
रामफोसा के साथ उनकी पत्नी डॉ. शेपो मोसेपे, 9 मंत्री सहित 50 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भी समारोह में शिरकत करेगा। इस प्रतिनिधिमंडल में वरिष्ठ अधिकारी और व्यावसायिक प्रतिनिधिमंडल शामिल है। नेल्सन मंडेला के बाद रामाफोसा दक्षिण अफ्रीका के दूसरे राष्ट्रपति हैं जो गणतंत्र दिवस समारोह के विशिष्ट अतिथि बन रहे हैं।
गोसेवक हैं सिरिल रामफोसा
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा गोसेवक हैं। वह अपनी जेब में हमेशा गाय की तस्वीर रखते हैं। वह लोगों को ये तस्वीर दिखाते रहते हैं। रामफोसा के फार्म में सभी गायों का अपना नाम है। वह गायों के प्रजनन को बढ़ावा देने के प्रोजेक्ट पर भी काम कर रहे हैं। यहां तक कि वह बहुत से राजनेताओं को उपहार स्वरूप ऊंची नस्ल की गाय भी भेंट कर चुके हैं। वह राजनीति छोड़, खुद को बिजनेस में झोक चुके थे। रामफोसा कई व्यवसाय में हाथ आजमा चुके हैं और वह अब देश के सबसे धनी व्यक्ति हैं। उन्होंने एक बार फिर वर्ष 2012 में राजनीति में कमबैक किया था। दो साल में ही वह जैकब जुमा सरकार में उपराष्ट्रपति हो गए थे और राष्ट्रपति बन गए।
मंडेला के सबसे पसंदीदा प्रतिनिधि थे रामफोसा
बताया जाता है कि सिरिल रामफोसा, नेल्सन मंडेला के सबसे लोकप्रिय लोगों में से थे। राष्ट्रपति का पद छोड़ते वक्त मंडेला चाहते थे कि रामफोसा उनकी कुर्सी संभालें। उस वक्त मंडेला का मानना था कि रामफोसा नई पीढ़ी के सबसे गिफ्टेड नेता हैं। हालांकि, अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस ने उनकी जगह थाबो मबेकी को राष्ट्रपति बनाया। इससे निराश होकर मंडेला ने सियासत से किनारा कर लिया था।
3500 हजार करोड़ रुपये है संपत्ति
रामफोसा की व्यक्तिगत संपत्ति करीब 5.67 बिलियन रेंड (करीब 3500 हजार करोड़ रुपये) है। रामाफोसा की दूसरी पत्नी तहेपो मोतसेपे पेशे से डॉक्टर हैं और दक्षिण अफ्रीका के माइनिंग किंग पैट्रिशिया मोतसेपे की बहन हैं। दोनों के चार बच्चे हैं।