Move to Jagran APP

देश में जल्द मिलने शुरू होंगे इलेक्ट्रॉनिक पासपोर्ट, सुरक्षा चिप भी रहेगी

देश में अगले साल तक इलेक्ट्रॉनिक पासपोर्ट बनने लगेंगे। इनमें नोटों की तरह सुरक्षा फीचर होंगे, खास तरह की चिप भी लगी रहेगी।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Tue, 25 Sep 2018 09:49 AM (IST)Updated: Tue, 25 Sep 2018 09:49 AM (IST)
देश में जल्द मिलने शुरू होंगे इलेक्ट्रॉनिक पासपोर्ट, सुरक्षा चिप भी रहेगी
देश में जल्द मिलने शुरू होंगे इलेक्ट्रॉनिक पासपोर्ट, सुरक्षा चिप भी रहेगी

भोपाल (जेएनएन)। देश में अगले साल तक इलेक्ट्रॉनिक पासपोर्ट बनने लगेंगे। इनमें नोटों की तरह सुरक्षा फीचर होंगे, खास तरह की चिप भी लगी रहेगी। विदेश सचिव डॉ.ज्ञानेश्वर मुले ने इसका ऐलान करते हुए बताया कि  इंटरनेशनल सिविल एविएशन इस प्रस्ताव पर सहमत हो चुका है। उन्होंने कहा कि विदेशों में नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों को ठगने वाले अवैध एजेंटों पर राज्य सरकारें कार्रवाई करने में लेटलतीफ हैं। विदेश मंत्रालय की मदद से राजधानी में आयोजित स्टेट आउटरीच कान्फ्रेंस को संबोधित करते हुए डॉ. मुले ने यह जानकारी दी।

loksabha election banner

कार्यक्रम का शुभारंभ उद्योग एवं प्रवासी भारतीय विभाग के मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने किया। उन्होंने प्रवासी भारतीयों के लिए दी जा रही सुविधाएं भी गिनाई। विदेश सचिव ने ई-वीजा, इंडियन कम्युनिटी वेलफेयर फंड, ई-माइग्रेंट, भारतीय दूतावासों में चाय पर चर्चा और विदेश मंत्रालय आपके द्वार जैसी योजनाओं का ब्योरा दिया।

सवाल-जवाब के सत्र में श्रोताओं की जिज्ञासाओं को भी शांत किया। प्रदेश में नवगठित प्रवासी भारतीय विभाग के प्रमुख सचिव मो. सुलेमान ने बताया कि विदेशों में रहने वाले मप्र के नागरिकों को एकजुट किया जा रहा है। उनकी सुरक्षा और अन्य सुविधाओं को लेकर प्रयास हो रहे हैं। ये लोग यदि प्रदेश में कुछ नया काम शुरू करना चाहते हैं तो उन्हें सुविधाएं दी जाएंगी। लंदन के डिप्टी मेयर मूलत: इंदौर के हैं। विभाग द्वारा 'फ्रेंड्स ऑफ एमपी' कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है। कान्फ्रेंस को ज्वाइंट सेक्रेटरी मनोज महापात्र, मनीष गुप्ता, आईजी कानून व्यवस्था योगेश चौधरी और क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी रश्मि बघेल ने भी संबोधित किया।

माता-पिता, पति-पत्नी और अपना नाम भी बदलवाने आते हैं लोग

पासपोर्ट नवीनीकरण में अनावश्यक औपचारिकताओं पर देश के मुख्य पासपोर्ट अधिकारी अरुण के. चटर्जी ने रोचक जानकारियां दीं। उन्होंने बताया कि हमारे सामने रोज बड़े जटिल मामले आते हैं। मसलन जन्म तारीख सबकी तय है, लेकिन लोग बदलते हैं। माता-पिता का नाम बदलवाने वाले भी आते हैं। खुद का नाम और पते के साथ पति-पत्नी के नाम बदलवाने वालों की भी कमी नहीं है। इसलिए नवीनीकरण के लिए बायोमेट्रिक के जरिए हम यह भी तसल्ली करते हैं कि आवेदक जीवित है।

विदेश सचिव ने दिए जवाब

विदेशों में मौजूद भारतीय दूतावासों से मदद कैसे ले सकते हैं?
- इसके लिए संबंधित देश में रहने वाले सभी भारतीयों के लिए दरवाजे खुले हैं। हर सप्ताह बिना अपाइंटमेंट के दूतावास में अफसरों के साथ चाय पर चर्चा कार्यक्रम भी शुरू किया है।

हमारे नेपाली नौकर को दुबई में काम करना है, क्या करें?
- इसके लिए नेपाली दूतावास में संपर्क करें, वे उसकी मदद करेंगे।

हमारे बच्चे विदेश के जिन विश्वविद्यालयों में पढ़ने जाते हैं उनकी विश्वसनीयता कैसे पता चले?
इसके लिए मंत्रालय में समिति बनी है, दूतावासों में भी इसकी जानकारी रहती है।

वित्तीय धोखाधड़ी से बचने के लिए क्या करें?
ऐसी संस्थाओं को शासकीय पोर्टल से फीस भेजने के प्रयास चल रहे हैं।

विदेशों में किस राज्य के कितने लोग हैं आपके पास कोई रिकार्ड है क्या?
- इस संबंध में हमारे पास निश्चित आंकड़े नहीं हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.