लोकसभा से दिखी भविष्य की झांकी
मध्य प्रदेश से आने वाले भाजपा के वरिष्ठ नेता व सांसद दिलीप सिंह भूरिया के निधन की वजह से लोकसभा की कार्यवाही पहले दिन शोक में स्थगित हो गई। इसके बावजूद चंद मिनटों की इस शोकसभा की औपचारिकता में ही मानसून सत्र के दौरान लोकसभा की कार्यवाही की भविष्य की
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। मध्य प्रदेश से आने वाले भाजपा के वरिष्ठ नेता व सांसद दिलीप सिंह भूरिया के निधन की वजह से लोकसभा की कार्यवाही पहले दिन शोक में स्थगित हो गई। इसके बावजूद चंद मिनटों की इस शोकसभा की औपचारिकता में ही मानसून सत्र के दौरान लोकसभा की कार्यवाही की भविष्य की तस्वीर नजर आ गई। कांग्रेस के तल्ख तेवरों से लेकर विपक्ष के बीच सरकार के कुछ सेंध लगा लाने की झांकियां चंद मिनटों के दौरान ही मिल गईं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जहां प्रधानमंत्री के अभिवादन में ठंडा प्रतिउत्तर करके अपने इरादे जाहिर किए, वहीं सपा प्रमुख मुलायम सिंह कम से कम इस दौरान बेहद मुलायम दिखे।
लोकसभा में 11 बजे से करीब पांच मिनट पहले प्रधानमंत्री मोदी सदन में पहुंचे। उन्होंने एक तरफ से लालकृष्ण आडवाणी, डॉ. मुरली मनोहर जोशी और राजनाथ सिंह से मिलने के बाद विपक्ष की बेंच की तरफ रुख किया। इस कड़ी में वे पहले सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव की बेंच तक पहुंचे। उनसे गुफ्तगू की और मुलायम से इशारे में पूछा भी कि आपका गला ठीक है। मुलायम भी गर्मजोशी से मिले। इसके बाद अन्य विपक्ष के नेताओं से भी प्रधानमंत्री गर्मजोशी से मिले, लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की प्रतिक्रिया बहुत ठंडी रही। पीएम सोनिया की बेंच तक गए और नमस्कार कर सेहत के हालचाल पूछे, लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष ने बस अभिवादन में सिर हिलाया और जरा भी गर्मजोशी नहीं दिखाई।
वहीं दो मिनट के मौन और शोकसभा पूरी होने के बाद जब सारा दिन के लिए लोकसभा की कार्यवाही लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने स्थगित कर दी तो मुलायम उठकर प्रधानमंत्री के पास गए। उस समय वहां पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह और सुषमा स्वराज भी थीं। काफी देर तक ये लोग वहां बात करते रहे। सबसे ज्यादा दिलचस्प था कि ललितगेट विवाद में लगातार विपक्ष के निशाने पर रहीं सुषमा स्वराज लोकसभा में सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष की बेंचों तक गईं और सभी ने गर्मजोशी से उनसे मुलाकात की। ऐसा लग ही नहीं था कि सुषमा को लेकर विपक्ष ने इतना आक्रामक रुख अपनाया हुआ है।