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गर्भावस्था में झारखंड से ग्वालियर स्कूटी पर आई सोनी ने दिया बेटे को जन्म

21 नवंबर को सुबह 555 बजे सोनी ने गोड्डा के एक निजी अस्पताल में बेटे को जन्म दिया। बच्चे की प्री-मॅच्योर डिलीवरी हुई है डॉक्टरों के मुताबिक बच्चे का वजन कम है इसलिए उसे चार दिन तक डॉक्टरों की देखरेख में अस्पताल में ही रखा जाएगा।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sun, 22 Nov 2020 08:34 AM (IST)Updated: Sun, 22 Nov 2020 08:34 AM (IST)
गर्भावस्था में झारखंड से ग्वालियर स्कूटी पर आई सोनी ने दिया बेटे को जन्म
दंपती सोनी और धनंजय हेम्ब्रम की फाइल फोटो।

ग्वालियर, राज्य ब्यूरो। झारखंड के गोड्डा से 1,176 किलोमीटर स्कूटी पर सफर कर मध्य प्रदेश के ग्वालियर आने वाले दंपती सोनी व धनंजय हेम्ब्रम को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई है। एक सितंबर, 2020 को डीएलएड अंतिम वर्ष की परीक्षा देने सोनी छह महीने की गर्भावस्था में पति धनंजय के साथ स्कूटी से ग्वालियर आई थीं। परीक्षा के लिए इतना लंबा सफर स्कूटी से करने के चलते यह दंपती काफी चर्चित हुआ था। 21 नवंबर को सुबह 5:55 बजे सोनी ने गोड्डा के एक निजी अस्पताल में बेटे को जन्म दिया। बच्चे की प्री-मॅच्योर डिलीवरी हुई है, डॉक्टरों के मुताबिक बच्चे का वजन कम है इसलिए उसे चार दिन तक डॉक्टरों की देखरेख में अस्पताल में ही रखा जाएगा।

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संतान प्राप्ति की खुशखबरी 

धनंजय ने सबसे पहले नईदुनिया ग्वालियर को सुबह 6:50 बजे दी। उन्होंने सोनी के गर्भावस्था के दौरान नईदुनिया द्वारा मुहैया कराई गई तमाम तरह की मदद के लिए धन्यवाद दिया।

विधायक ने की थी मदद

धनंजय ने बीते 17 नवंबर को नईदुनिया से संपर्क कर परेशानी बताई थी कि सोनी का स्वास्थ्य ठीक नहीं है। गर्भ संबंधी समस्या है। सरकारी अस्पताल में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल पाना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में नईदुनिया संवाददाता ने झारखंड के महगामा विधानसभा क्षेत्र की कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय से संपर्क किया और मदद के लिए कहा। विधायक ने तत्काल सोनी को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई। सोनी निजी अस्पताल में भर्ती थीं, जहां सारा खर्चा उठाने की जिम्मेदारी दीपिका ने ली।

स्कूटी से 1,176 किमी का सफर

धनंजय गर्भवती पत्नी सोनी को डीएलएड की परीक्षा दिलाने तीन दिन स्कूटी चलाकर सितंबर में ग्वालियर पहुंचे थे। गोड्डा जिला बांग्लादेश की सीमा से बमुश्किल 150 किलोमीटर दूर है। धनंजय ने करीब 1,176 किमी स्कूटी चलाई और झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश के तमाम शहरों के कच्चे-पक्के रास्तों से गुजरे। परीक्षा दिलाने के लिए ग्वालियर के दीनदयाल नगर में किराए से एक कमरा भी लिया था।

 

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