फेसबुक, ट्विटर छोड़ अब गूगल प्लस है चरमपंथी समूहों का नया निशाना
एक रिपोर्ट के मुताबिक कई चरमपंथी संगठन अपने विचारों का प्रचार करने के लिए अब गूगल प्लस का इस्तेमाल कर रहे हैं।
लंदन [आइएएनएस]। पिछले कुछ समय से फेसबुक और ट्विटर जैसी सोशल नेटवर्किग साइटों पर नफरत फैलाने वाले कंटेंट और फेक न्यूज का मामला दुनियाभर में गंभीर मुद्दा बना हुआ है। अब इन साइटों में सर्च इंजन के सोशल नेटवर्क 'गूगल प्लस' का नाम भी जुड़ गया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक कई चरमपंथी संगठन अपने विचारों का प्रचार करने के लिए गूगल प्लस का इस्तेमाल कर रहे हैं।
इस हालिया रिपोर्ट के मुताबिक गूगल प्लस का इस्तेमाल कर रहे दर्जनों समूह लोगों को ट्रोल करने के साथ नस्ली और हिंसा भड़काने वाले कमेंट कर रहे हैं। सम लैंगिकों के बारे में भी भद्दी टिप्पणियां की जा रही हैं। तकनीकी दिग्गज गूगल ने इस समस्या को स्वीकार करते हुए कहा, हमें इस पर लगाम लगाने के लिए बहुत कुछ करना है।
फिलहाल कई टीमों को इस काम की जिम्मेदारी दी गई है। कंपनी के प्रवक्ता का कहना है, 'हिंसक और आंतकी संगठनों के कंटेंट पर रोक लगाने के लिए पहले से ही नीतियां तय की जा चुकी हैं। इन नियमों के टूटने पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी। हम गूगल प्लस समेत अन्य प्लेटफार्म से हिंसा व नफरत फैलाने वाले पोस्ट और टिप्पणियां दूर रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।'