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Sneha Dubey: कौन है भारत की ये जूनियर अधिकारी, जिसने UN में पीएम इमरान के छुड़ाए छक्के, कहा- कश्मीर हमारा है

इमरान ने कहा था दक्षिण एशिया में स्थायी शांति जम्मू-कश्मीर विवाद के समाधान पर निर्भर है। जवाब में Sneha Dubey बोलीं- केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा थे हैं और रहेंगे। इंटरनेट पर सर्च हो रही हैं स्नेहा दुबे।

By Nitin AroraEdited By: Published: Sat, 25 Sep 2021 11:49 AM (IST)Updated: Sat, 25 Sep 2021 01:07 PM (IST)
Sneha Dubey: कौन है भारत की ये जूनियर अधिकारी, जिसने UN में पीएम इमरान के छुड़ाए छक्के, कहा- कश्मीर हमारा है
Sneha Dubey: कौन है भारत की ये जूनियर अधिकारी, जिसने UN में पीएम इमरान के छुड़ाए छक्के, कहा- कश्मीर हमारा

नई दिल्ली, एजेंसी। पाकिस्तान को अक्सर देखा गया है कि वह अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत को घेरना का प्रयास करता है। हालांकि, हर बार भारत की ओर से उसके झूठ को सबके सामने रखा जाता रहा है। ऐसा ही शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में हुआ। पाक पीएम इमरान खान ने अपने संबोधन के दौरान एक बार फिर कश्मीर का राग अलापा, लेकिन इस बार जिस रुख के साथ उसको जवाब दिया गया वह देखने लायक रहा। वहीं, भारत की जिन जूनियर महिला राजनयिक ने पीएम इमरान को जवाब दिया, उनकी काफी सहारना हो रही है।

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कौन है संयुक्त राष्ट्र में भारत की ओर से बोलने वाली ये अधिकारी

पहले बता दें कि इनका नाम स्नेहा दुबे है। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में भारत की प्रथम सचिव स्नेहा दुबे ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में इमरान के भाषण पर राइट टू रिप्लाई का इस्तेमाल करते हुए कड़ा जवाब दिया, जिसके बाद वह सुर्खियां बटोर रहीं हैं। लोगों ने इंटरनेट पर जाकर इस महिला अधिकारी के बारे में जानना शुरू कर दिया है। बता दें कि स्नेहा दुबे ने वर्ष 2011 में पहले ही प्रयास में सिविल सेवा परीक्षा पास की। वह गोवा में पली-बढ़ी और अपने बचपन का अधिकांश समय वहीं बिताया। स्नेहा ने पुणे के फर्ग्यूसन कालेज से स्नातक करने के बाद नई दिल्ली के जवाहरलाल विश्वविद्यालय (जेएनयू) से भूगोल में परास्नातक किया।

स्नेहा दुबे की पहली नियुक्ति कहां हुई?

उपलब्ध जानकारी के अनुसार, स्नेहा को भारतीय विदेश सेवा में शामिल होने का बहुत शौक था, चूंकि उनकी अंतरराष्ट्रीय मुद्दों में रुचि थी, इसलिए दुबे ने दिल्ली के जेएनयू में स्कूल आफ इंटरनेशनल स्टडीज से एमफिल की पढ़ाई पूरी की। घूमने-फिरने की शौकीन स्नेहा का मानना है कि आईएफएस बनने से उन्हें देश का प्रतिनिधित्व करने का बेहतरीन मौका मिला है। इंटरनेशनल सर्विस के लिए चुने जाने के बाद स्नेहा दुबे की पहली नियुक्ति विदेश मंत्रालय में हुई थी। फिर अगस्त 2014 में, उन्हें मैड्रिड में भारतीय दूतावास में नियुक्त किया गया।

परिवार में पहली सरकारी नौकरी पाई

बता दें कि स्नेहा अपने परिवार में ऐसी पहली थी, जो सरकारी सेवा में लगी हो। वहीं, यह पहली बार नहीं है जब भारत की किसी यूनियर महिला ने पाकिस्तान को कड़ा जवाब दियो हो। इससे पहले एनम गंभीर और विदिशा मैत्रा भी यह भूमिका निभा चुकी हैं।

क्या कहा था इमरान ने, जिसपर स्नेहा हुईं हावी

इमरान ने कहा था, पाकिस्तान भारत के साथ शांति चाहता है। दक्षिण एशिया में स्थायी शांति जम्मू-कश्मीर विवाद के समाधान पर निर्भर है। पाकिस्तान के साथ सार्थक और परिणामोन्मुखी जुड़ाव के लिए अनुकूल माहौल बनाने की जिम्मेदारी भारत पर बनी हुई है।

इसके जवाब में दुबे बोलीं, पाक प्रधानमंत्री हमारे आंतरिक मामलों को लाकर वैश्विक मंच का दुरुपयोग कर रहे हैं। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा थे, हैं और रहेंगे। इसमें वे क्षेत्र शामिल हैं जो पाकिस्तान के अवैध कब्जे में हैं। हम पाकिस्तान से अपने अवैध कब्जे वाले सभी क्षेत्रों को तुरंत खाली करने का आह्वान करते हैं।

उन्होंने कहा, 'सदस्य देश इस बात से अवगत हैं कि पाकिस्तान का आतंकवादियों को पनाह देने, सहायता करने और सक्रिय रूप से समर्थन देने की नीति का इतिहास रहा है। यह एक ऐसा देश है जिसे विश्व स्तर पर राज्य की नीति के रूप में आतंकवादियों का समर्थन, प्रशिक्षण, वित्तपोषण और हथियार देने के रूप में मान्यता दी गई है। इसके साथ ही पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादियों की सबसे बड़ी संख्या की मेजबानी करने का अपमानजनक रिकार्ड भी रखता है।'

वे बोलीं- यह एक ऐसा देश (पाकिस्तान) है जो खुद को फायर फाइटर बताकर आगजनी करता है।

सुनें भारत का राइट टू रिप्लाई


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