कश्मीर घाटी में एसएमएस सेवा बहाल, 40 लाख से ज्यादा उपभोक्ताओं को मिलेगी ओटीपी की सुविधा
कश्मीर में स्थानीय लोगों को पेश आ रही दिक्कतों का संज्ञान लेते हुए प्रशासन ने मंगलवार को मोबाइल फोन पर एसएमएस सेवा बहाल कर दी है।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। कश्मीर में स्थानीय लोगों को पेश आ रही दिक्कतों का संज्ञान लेते हुए प्रशासन ने मंगलवार को मोबाइल फोन पर एसएमएस सेवा बहाल कर दी है। इससे घाटी में करीब 40 लाख से अधिक उपभोक्ताओं को सरकारी कार्यालयों, निजी क्षेत्र की कंपनियों, बैंक, रेल प्रशासन, एयरलाइंस और बीमा कंपनियों की ओर से भेजे जाने वाले वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) व अन्य एसएमएस की सुविधा मिल सकेगी। फिलहाल, आम उपभोक्ता एसएमएस नहीं कर पाएंगे। इसके अलावा मोबाइल इंटरनेट और प्री-पेड मोबाइल फोन सेवा को भी अभी बंद रखा गया है।
पोस्टपेड सेवा हो चुकी है शुरू
कश्मीर में चार अगस्त की मध्यरात्रि को प्रशासन ने एहतियातन सभी प्रकार की फोन और इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया था। गत 14 अक्टूबर को वादी में पोस्टपेड मोबाइल सेवा को एसएमएस सुविधा संग बहाल कर दिया था। लेकिन एसएमएस सेवा को उसी दिन कुछ समय बाद फिर बंद कर दिया गया था।
एसएमएस पर ओटीपी न आने से हो रही थी दिक्कत
इंटरनेट और एसएमएस सेवा पर रोक होने से वादी में व्यापारियों, सरकारी कर्मियों, ठेकेदारों, छात्रों, ट्रैवल एजेंटों के साथ आम लोगों को भी कई प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ा रहा था। हालांकि इंटरनेट की सुविधा अगस्त माह के अंतिम पखवाड़े के दौरान ही आम लोगों के लिए सरकार ने विभिन्न सरकारी कार्यालयों में कड़ी निगरानी के बीच सीमित आधार पर उपलब्ध कराना शुरू कर दी थी, लेकिन आम लोग इसका पूरा लाभ नहीं ले पा रहे थे। ऑनलाइन फार्म भरने से लेकर आयकर रिटर्न जमा कराने तक आम लोगों को अपने मोबाइल फोन का नंबर देकर उस पर ओटीपी प्राप्त करना होता था। ओटीपी नंबर के आधार पर ही वह इंटरनेट पर अपने काम संबंधी आगे की कार्रवाई कर पाते थे।
बहुत राहत मिलेगी
एजाज अहमद ने एसएमएस सेवा की बहाली पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि बेशक आंशिक रूप से एसएमएस सेवा बहाल हुई है, लेकिन इससे बहुत राहत मिलेगी। उम्मीद की जानी चाहिए कि आम लोगों को भी एसएमएस भेजने की सुविधा जल्द मिलेगी।
सलीम वानी नामक एक व्यक्ति ने कहा कि एसएमएस सेवा न होने से हमें पता ही नहीं चलता था कि हमारे बैंक खाते में क्या जमा हुआ है और क्या निकासी हुई है। इसके अलावा विभिन्न केंद्रीय योजनाओं के तहत डीबीटी आधार पर सब्सिडी पाने वालों को भी पता नहीं चलता था कि उन्हें मिली है या नहीं। हम लोग ऑनलाइन लेन-देन भी नहीं कर पाते थे, क्योंकि ओटीपी नहीं मिलता था, क्योंकि कई बैंक और अन्य संस्थान ईमेल पर ओटीपी नहीं देते हैं, वह आपके पंजीकृत मोबाइल पर ही इसे भेजते हैं।
इम्तियाज अहमद नामक एक छात्र ने कहा कि मुझे अपना सिम कार्ड रामबन में अपने दोस्त के पास भेजना पड़ा, ताकि उस पर ओटीपी प्राप्त कर वह मेरे लिए आनलाइन परीक्षा फार्म जमा कर सके।
बीएसएनएल के एक अधिकारी ने बताया कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन के निर्देशानुसार ही हमने एसएमएस सेवा को बहाल किया है। किसी भी उपभोक्ता के फोन पर सिर्फ मशीन द्वारा सृजित या कंप्यूटर द्वारा लिखे गए कस्टमाइज्ड संदेश ही भेजे जा सकेंगे।