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स्मृति ईरानी ने सदन में बताया, पिछले पांच वर्षो में देश में 16 हजार से ज्यादा बच्चों को लिया गया गोद

महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने 2015-16 से 2020-2021 (तीन फरवरी 2021 तक) में देश में गोद लिए जाने के आंकड़े पेश किए ।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Thu, 11 Feb 2021 07:22 PM (IST)Updated: Thu, 11 Feb 2021 07:25 PM (IST)
स्मृति ईरानी ने सदन में बताया, पिछले पांच वर्षो में देश में 16 हजार से ज्यादा बच्चों को लिया गया गोद
गोद लिए गए बच्चों में से 80 फीसद बच्चे दो साल तक के

नई दिल्ली, एजेंसियां। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि 2015 से देश में गोद लिए गए बच्चों में से करीब 80 फीसद बच्चे दो वर्ष तक की आयु वर्ग के थे। इसके अलावा गोद लिए गए बच्चों में से सिर्फ दो फीसद 10-18 आयु वर्ग के थे। महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने 2015-16 से 2020-2021 (तीन फरवरी, 2021 तक) में देश में गोद लिए जाने के आंकड़े पेश किए।

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इन आंकड़ों के अनुसार पिछले पांच वर्षो में देश में 16,856 बच्चों को गोद लिया गया। इनमें 13,495 बच्चे 0-2 वर्ष के आयु वर्ग के थे जबकि 1,340 बच्चे 2-4 साल के आयु वर्ग में थे। इसके अलावा 889 बच्चे 4-6 वर्ष के आयु वर्ग में, 100 बच्चे 12-14 के आयु वर्ग में और 59 बच्चे 14-18 वर्ष आयु वर्ग के थे। उन्होंने कहा कि 2016-17 से 2020-21 (तीन फरवरी 2021) तक के दौरान तीन महीने से कम आयु के 725 शिशुओं को गोद लिया गया।

महिला हेल्पलाइन में 2.47 लाख से अधिक कॉल दर्ज किए गए

सरकार ने बताया कि पिछले साल कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए लॉकडाउन लगाए जाने के दौरान अप्रैल से जून के बीच सरकार की महिला हेल्पलाइन में 2.47 लाख फोन कॉल दर्ज किए गए। स्मृति ईरानी ने राज्यसभा में कहा, महिला हेल्पलाइन नंबर 181 का परिचालन 33 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में किया रहा है। राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से मिली जानकारी के अनुसार, अप्रैल से जून 2020 तक महिला हेल्पलाइन में 2.47 लाख कॉल दर्ज की गई।

पीएमएमवीवाई के तहत 1.83 करोड़ महिलाओं ने किया लाभ का दावा

स्मृति ईरानी ने राज्यसभा में बताया कि 2018-19 से इस साल 29 जनवरी तक 1.83 करोड़ गर्भवती महिलाओं ने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) के तहत लाभ का दावा किया है। उन्होंने कहा कि सभी गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली मांओं को इस योजना का लाभ दिया जाता है। हालांकि, इसका लाभ पाने के लिए उन्हें किसी सरकारी या निजी सेवा में नहीं होना चाहिए और इसी तरह की किसी योजना का लाभार्थी नहीं होना चाहिए।


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