Move to Jagran APP

बच्चों के दाखिले के लिए स्मृति ईरानी को भी देना पड़ा इंटरव्यू

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के स्कूलों में बच्चों के दाखिले के लिए अभिभावकों को किस कदर कठिनाई से गुजरना होता है, मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी को इसका बखूबी अहसास है। देश की शिक्षा मंत्री होने के बावजूद उन्हें भी अपने दोनों बच्चों का दिल्ली में दाखिला कराने के लिए

By Murari sharanEdited By: Published: Sun, 23 Nov 2014 08:18 PM (IST)Updated: Sun, 23 Nov 2014 11:56 PM (IST)
बच्चों के दाखिले के लिए स्मृति ईरानी को भी देना पड़ा इंटरव्यू

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के स्कूलों में बच्चों के दाखिले के लिए अभिभावकों को किस कदर कठिनाई से गुजरना होता है, मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी को इसका बखूबी अहसास है। देश की शिक्षा मंत्री होने के बावजूद उन्हें भी अपने दोनों बच्चों का दिल्ली में दाखिला कराने के लिए एक आम अभिभावक की तरह स्कूल में जाकर इंटरव्यू का सामना करना पड़ा था। ईरानी ने बताया कि वह स्कूल में होने वाली शिक्षक अभिभावक मीटिंग (पीटीएम) में नियमित रूप से भाग लेती हैं।

loksabha election banner

इस संवाददाता को दिए साक्षात्कार में केंद्रीय मंत्री ने यह सच्चाई बयां की। बकौल ईरानी, 'वास्तव में मेरा इंटरव्यू लिया गया था। स्कूल की प्रिंसिपल और शिक्षकों ने मुझे और मेरे पति से शैक्षणिक पृष्ठभूमि को लेकर गहराई से पूछताछ की और उस आधार पर हमारा मूल्यांकन किया। उसके बाद बच्चों के साथ भी सवाल-जवाब का गहन दौर चला।'

उन्होंने आगे बताया, 'मंत्री बनने के बाद जब दिल्ली में मेरी व्यस्तता बढ़ी तो तो पहले एक महीने तक तो मैंने अपनी सियासी व्यस्तता और घरेलू जिम्मेदारियों के बीच सामंजस्य बैठाने की पुरजोर कोशिश की, लेकिन उसमें सफल नहीं हुई। फिर मैंने दोनों बच्चों और पति को दिल्ली आने के लिए किसी तरह मनाया।' स्मृति के अनुसार, 'लेकिन मुंबई छोड़ना इतना आसान नहीं था। दिल्ली आने से पहले हमें बच्चों के दाखिले का इंतजाम करना था। लिहाजा स्कूल में हम पति-पत्‌नी को इंटरव्यू के दौर से गुजरना पड़ा।'

लेकिन उन्होंने बड़ी साफगोई से स्वीकार किया, 'स्कूल में इंटरव्यू देने का मुझे कत्तई बुरा नहीं लगा। यह प्रक्रिया है, जिसे किसी मंत्री या अन्य वीआइपी के लिए शिथिल नहीं किया जाना चाहिए। जब आम आदमी इस प्रक्रिया से गुजरता है तो मैं कोई अपवाद तो नहीं हूं। इसलिए हमने खुशी-खुशी इंटरव्यू दिया।' केंद्रीय मंत्री ने बताया कि उनका जन्म दिल्ली के मुनरिका में हुआ, जहां उनका परिवार एक तबेले के ऊपर बने मकान में रहता था।

पढ़ें: स्मृति ने खाारिज की संस्कृत को अनिवार्य भाषा बनाने की मांग


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.