तकनीक संग स्मार्ट जर्नलिज्म, अपडेट और अपग्रेड रहना है मूल मंत्र
जर्नलिज्म की बेहतर सूझ-बूझ के साथ तकनीक और सोशल मीडिया की गहरी समझ रखने वाले स्मार्ट जर्नलिस्ट की मांग तेजी से बढ़ रही है।
नई दिल्ली,जेएनएन। टेक्नोलॉजी और सोशल मीडिया ने जर्नलिज्म को बेहद तेज और रीयल टाइम बना दिया है। ऐसे में इसके लिए जर्नलिज्म की बेहतर सूझ-बूझ के साथ तकनीक और सोशल मीडिया की गहरी समझ रखने वाले स्मार्ट जर्नलिस्ट की मांग तेजी से बढ़ रही है। अब सिर्फ जर्नलिज्म/मॉस कम्युनिकेशन के सामान्य कोर्स करने से ही काम नहीं चलने वाला।
अपडेट और अपग्रेड रहना है मूल मंत्र
अगर डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में अपनी पहचान बनानी है और तरक्की की सीढ़ियां लगातार चढ़नी हैं, तो मीडिया में करियर बनाने की चाह रखने वाले युवाओं को खुद को हर स्तर पर अपडेट और अपग्रेड करते रहना होगा। आज के समय में देशदुनिया की खबरों से अपडेट रहने के लिए लोगों को अखबार के अलावा कई साधन मिल गए हैं। अब इंटरनेट/न्यूज ऐप पर एक क्लिक से देश, दुनिया, खेल, बिजनेस, मनोरंजन, क्राइम, लाइफस्टाइल से जुड़ी ताजातरीन खबरें, वीडियो, फोटो और लाइव टीवी का लुत्फ आप अपने मोबाइल पर ही कभी भी कहीं भी उठा सकते हैं।
डिजिटल मीडिया का कमाल
न्यूज वेबसाइट पर ये खबरें देख-पढ़ सकते हैं। असल में यह सब डिजिटल मीडिया का कमाल है। इसे वेब जर्नलिज्म, न्यू मीडिया या ऑनलाइन मीडिया भी कहते हैं। इंटरनेट और स्मार्टफोन के आ जाने से खबरों को देखने-पढ़ने के लिए आजकल ये माध्यम तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं, जहां आप अपनी सुविधानुसार बैठे-बैठे ही कोई भी अखबार देख और पढ़ सकते हैं। भले ही वे दुनिया भर में कहीं से भी प्रकाशित हो रही हों, किसी भी भाषा में हों। इंडस्ट्री के विशेषज्ञों का भी मानना है कि आगे आने वाला दौर न्यू एज मीडिया का ही है। क्योंकि जैसे-जैसे देश में इंटरनेट तक लोगों की पहुंच बढ़ रही है, यह फील्ड भी तेजी से आगे बढ़ रहा है।
वेब पोर्टल से आगे भी है दुनिया
वेब पोर्टल से आगे बढ़ते हुए अब वाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर पर भी न्यूज देने की शुरुआत हो चुकी है। स्थापित मीडिया संस्थान भी अब प्रतिस्पर्धा और रीयल टाइम की दौड़ में आगे रहने के लिए वाट्सएप संस्करण तक निकाल रहे हैं। ऐसे में अब ऐसे कुशल वेब पत्रकारों की मांग बढ़ रही है, जो सधी हुई भाषा में संक्षेप में रोचक तरीके से अपनी बात जल्दी पहुंचा सकें।
डिजिटल प्लेटफॉर्म पर खबरों की मांग
डिजिटल प्लेटफॉर्म पर खबरों की मांग तेजी से बढ़ रही है। आज अकेले भारत में लगभग 41 करोड़ लोग इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं। देश में पिछले 12 महीने में इंटरनेट यूजर्स में 20 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। ऐसे में अनुमान है कि 2021 तक भारत में इंटरनेट उपभोक्ताओं की संख्या करीब 65 करोड़ हो जाएगी। अभी हाल में इंडिया डिजिटल न्यूज रिपोर्ट 2019 की ओर से कराए गए एक सर्वे में शामिल करीब 68 फीसदी लोगों ने भी माना कि वे ऑनलाइन न्यूज के लिए सबसे अधिक स्मार्टफोन इस्तेमाल करते हैं। स्टडी में यह बात भी सामने आई है कि 35 साल से कम उम्र वाले ज्यादातर यूजर्स ऑनलाइन न्यूज (56 फीसदी) के लिए खासतौर से सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं। यही कारण है कि परंपरागत क्षेत्रों के अलावा डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में भी रुचि रखने वाले युवाओं के लिए रोजगार के अवसर लगातार बढ़ रहे हैं। इसे देखते हुए खुद को इसकी अपेक्षाओं के अनुरूप तैयार करना निकट भविष्य में करियर को चमकदार बना सकता है।
जॉब्स के मौके
इंडिया ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन की एक स्टडी के अनुसार, वर्ष 2020 तक देश में डिजिटल ऐड मार्केट करीब 33.5 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है। जाहिर है आगे डिजिटल मीडिया में संभावनाएं बहुत हैं।
यही कारण है कि आज कोई भी लीडिंग अखबार हो या फिर न्यूज चैनल, उसका अपना वेब एडीशन है। मोबाइल एप्स हैं, जिन पर रोचक व सरल भाषा में ताजातरीन खबरों को अपलोड करना होता है। ऐसी जगहों पर रिपोर्टिंग, कॉपी राइटिंग, एंकरिंग, वॉयस ओवर और प्रोडक्शन के लिए प्रशिक्षित पत्रकारों की मांग लगातार बढ़ रही है। इसके अलावा, कई स्वतंत्र न्यूज पोर्टल्स भी हैं, जिनके पास अपना कोई अखबार या न्यूज चैनल नहीं है। ऐसी जगहों पर खबरों की कवरेज के लिए रिपोर्टर के साथ-साथ कॉपी एडिटर समेत अन्य स्टाफ की हर समय जरूरत रहती है।
डॉटकॉम में जर्नलिस्ट के अलावा ग्राफिक डिजाइनर्स, वेब डेवलपर्स, एसईओ मैनेजर्स के लिए भी बड़ी संख्या में नौकरियों के अवसर हैं। डिजाइनर जहां वेबसाइट पर न्यूज की पैकेजिंग आदि का काम करते हैं, वहीं वेब डेवलपर डिजाइन किए गए पेज की कोडिंग करना, लिंक देना और पेज अपलोड करने का काम देखते हैं। डिजिटल मार्केटिंग के एक्सपर्ट इसका प्रमोशन करते हैं।
पारंपरिक विकल्प
तकनीक के साथ पत्रकारिता की समझ रखने वालों की जरूरत डिजिटल मीडिया के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया में भी लगातार है :
प्रिंट जर्नलिज्म
यह पत्रकारिता का सबसे पुराना फील्ड है जो खबरों की विश्वसनीयता और गहराई के कारण भारत में अभी भी न सिर्फ लोकप्रिय है, बल्कि आश्चर्यजनकर तरीके से आगे भी बढ़ रहा है। विश्वास न हो तो पिछले एक-दो साल की आइआरएस (इंडियन रीडरशिप सर्वे) रिपोर्ट खुद देख लें। इसके अनुसार, देश में आज टॉप 10 में हिंदी और अन्य भाषाई अखबार ही हैं। प्रिंट जर्नलिज्म में रिपोर्टर, सब एडिटर, स्पोट्र्स डेस्क, बिजनेस डेस्क, समाचार/फीचर संपादक के रूप में अवसर मिल सकते हैं।
इलेक्ट्रॉनिक जर्नलिज्म
आज यह विजुअल समाचार माध्यम के तौर पर पत्रकारिता का सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म बन चुका है। नेशनल न्यूज चैनल्स और रीजनल न्यूज चैनल्स के रूप में यह शुरू से ही काफी लोकप्रिय रहा है, जहां पर टीवी रिपोर्टर, एंकर, प्रोड्यूसर, वॉयस ओवर और कॉपी एडिटर के रूप में करियर बनाया जा सकता है।
पब्लिक रिलेशन
यह फील्ड पत्रकारिता से थोड़ा हटकर है। जर्नलिज्म की पढ़ाई के दौरान इसे भी पढ़ाया जाता है। यह फील्ड उनके लिए है, जो कंपनियों के पब्लिक रिलेशन में, इवेंट मैनेजमेंट या फिर विज्ञापन कंपनियों के लिए काम करना चाहते हैं। यह क्षेत्र भी युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय फील्ड है, जिसमें पैसा और ग्लैमर दोनों है।
इंटरनेट पर टिकी है ऑनलाइन की बुनियाद
डिजिटल पत्रकार आज के हर डिजिटल प्लेटफॉर्म पर किए जाने वाले कामकाज की समझ और कंटेंट मैनेजमेंट सिस्टम (सीएमएस) के जरिए खबरों को तैयार करने से लेकर उन्हें पब्लिश करने की टेक्नोलॉजी के बारे में प्रशिक्षित होते हैं। ऐसे पेशेवर सोशल मीडिया और इसके बारे में बखूबी जानते हैं, मोबाइल से तस्वीरें लेने, वीडियो बनाने, उन्हें मोबाइल पर ही एडिट करने, फेसबुक लाइव आदि में सक्षम होते हैं। ऑनलाइन पत्रकारिता की पूरी बुनियाद ही इंटरनेट पर टिकी है। यहां खबरों को तेजी से तैयार करके सबसे पहले वेबसाइट पर अपलोड करने की चुनौती और दबाव होता है। इसके लिए न सिर्फ आपको तेजी से कॉपी ठीक करनी होती है, बल्कि उसके त्रुटिरहित होने को लेकर भी आश्वस्त रहना होता है। इसके अलावा, अपनी खबरों को लोकप्रिय बनाने और अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (एसईओ) तथा मेगा टैग की भी नॉलेज होनी चाहिए।
रोचक डिजिटल कंटेंट लिखने वालों की है डिमांड
रोचक तरीके से डिजिटल कंटेंट लिखने वालों की लगातार बढ़ती मांग को देखते हुए कई संस्थानों द्वारा अब अलग से भी डिजिटल मीडिया में पीजी डिप्लोमा और बैचलर ऑफ जर्नलिज्म ऐंड मास कम्युनिकेशन जैसे कोर्स कराए जा रहे हैं। इसी तरह विभिन्न यूनिवर्सिटीज की ओर संचालित हो रहे बीजेएमसी पाठ्यक्रम के अंतर्गत भी छात्रों को न्यू मीडिया/ऑनलाइन मीडिया/साइबर मीडिया जैसे विषयों की एक अलग माड्यूल के तौर पर पढ़ाई कराई जाने लगी है, जहां उन्हें पत्रकारिता की बेसिक जानकारियों के अलावा कंप्यूटर पर विभिन्न सॉफ्टवेयर्स के प्रयोग और सूचना प्रौद्योगिकी के विषयों की जानकारी दी जाती है। हालांकि इनके लिए शैक्षिक योग्यताएं अलग-अलग हैं। डिग्री कोर्स के लिए स्टूडेंट को किसी भी स्ट्रीम में 12वीं पास होना जरूरी है, जबकि पीजी डिप्लोमा कोर्स के लिए न्यूनतम योग्यता ग्रेजुएशन होनी चाहिए। इसी कोर्स में आगे चलकर मास्टर डिग्री भी कर सकते हैं।
आकर्षक सैलरी के साथ शुरुआत
किसी भी ऑनलाइन मीडिया कंपनी में युवाओं को शुरुआत में करीब 25 से 30 हजार रुपये की सैलरी आसानी से मिल जाती है।
प्रमुख संस्थान
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन, नई दिल्ली
www.iimc.nic.in
माखनलाल चतुर्वेदी नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ जर्नलिज्म, भोपाल/नोएडा
www.mcu.ac.in
मास मीडिया रिसर्च सेंटर, जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली
http://jmi.ac.in
इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली
www.ignou.ac.in
एनआरएआइ स्कूल ऑफ मास कम्युनिकेशन,दिल्ली
www.nraimc.com
एडिट वर्क्स स्कूल ऑफ मास कम्युनिकेशन, नोएडा
www.editworks.co.in
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