16 साल की शिवांगी पाठक ने एवरेस्ट फतह कर रच दिया इतिहास
हरियाणा के हिसार में जन्म लेने वालीं शिवांगी ने बताया कि वह एवरेस्ट पर चढ़कर दुनिया को यह दिखाना चाहती थीं कि महिलाएं किसी से कम नहीं होतीं।
नई दिल्ली, एजेंसी। भारत की शिवांगी पाठक का सपना आखिरकार पूरा हो गया है। शिवांगी ने विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को फतह कर इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज कर दिया है। वह ऐसा करनेवालीं सबसे युवा महिलाओं की सूची में शामिल हो गई हैं। शिवांगी का सपना था कि वह एवरेस्ट को फतह कर दुनिया को बताएं कि महिलाएं किसी से कम नहीं होतीं।
हरियाणा के हिसार में जन्म लेने वालीं शिवांगी ने बताया कि वह एवरेस्ट पर चढ़कर दुनिया को यह दिखाना चाहती थीं कि महिलाएं किसी से कम नहीं होतीं। वे किसी भी लक्ष्य को पा सकने में सक्षम होती हैं। शिवांगी से जब पूछा गया कि एवरेस्ट फतह करते वक्त उनकी प्रेरणा क्या रही, तो उन्होंने कहा कि दिव्यांग पर्वतारोही अरुणिमा सिन्हा को वह अपनी प्रेरणा मानती हैं। शिवांगी ने यह कारनामा सेवन समिट ट्रेक में हिस्सा लेने के दौरान किया।
बता दें कि अरुणिमा सिन्हा माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने वाली विश्व की पहली दिव्यांग पर्वतारोही हैं। शिवांगी हमेशा से माउंट एवरेस्ट पर सफल चढ़ाई का सपना देखा करती थीं। एक इंटरव्यू में उन्होंने यह भी कहा था कि वह इस सुंदर ग्रह के हर पर्वत पर चढ़ना चाहती हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शिवांगी के साहस को सलाम किया। उन्होंने शिवांगी को बधाई दी और उनके कारनामे और आश्चर्यजनक बताया।