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आसमान में और पैनी होंगी IAF की निगाहें, DRDO कर रहा '6 नई आंखों' का निर्माण

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (Defence Research and Development Organisation DRDO) एयर इंडिया के लिए एयरक्राफ्ट पर नए तकनीक विकसित करने जा रही है। इसके तहत 6 नए प्‍लेन विकसित किए जाएंगे जिसमें पूर्व चेतावनी और कंट्रोल को लेकर उपकरण संलग्‍न होंगे।

By Monika MinalEdited By: Published: Wed, 16 Dec 2020 03:58 PM (IST)Updated: Wed, 16 Dec 2020 03:58 PM (IST)
आसमान में और पैनी होंगी IAF की निगाहें,  DRDO कर रहा '6 नई आंखों' का निर्माण
अब वायुसेना सीमाओं पर रहेगी और चौकस

 नई दिल्‍ली, एएनआइ।  स्वदेशी रक्षा उद्योग को बढ़ाने के क्रम में भारत में छह नए एयरबोर्ड अर्ली वॉर्निंग एंड कंट्रोल प्लेन्स (AEW&C) तैयार किए जाने का फैसला लिया गया है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (Defence Research and Development Organisation, DRDO) एयर इंडिया के लिए एयरक्राफ्ट पर नए तकनीक विकसित करने जा रही है। इसके तहत 6 नए प्‍लेन का निर्माण किया जाएगा। इसमें पूर्व चेतावनी और कंट्रोल को लेकर उपकरण संलग्‍न होंगे। इसके जरिए चीन और पाकिस्तान से लगती सीमाओं पर भारतीय वायुसेना की निगरानी और भी सख्‍त हो जाएगी। आसमान में मिलने वाली ये 6 नई आंखें देश के विभिन्‍न हिस्‍सों में तैनात की जाएंगी ताकि पाकिस्‍तान और चीन से लगने वाली सीमा पर पैनी निगाहें बरकरार रहें। 

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AEW&C ब्लॉक 2 एयरक्राफ्ट को 10 हजार 5 सौ करोड़ रुपये की लागत वाली प्रोजेक्‍ट के तहत तैयार किया जाएगा। एयर इंडिया फ्लिट की ओर से छह एयरक्राफ्ट खरीदे जाएंगे और इसके ऊपर रडार लगा होगा ताकि 360 डिग्री तक हमारे जवान निगरानी कर सके। पिछले NETRA विमान की तुलना में ये छह AEW&C ब्लॉक 2 विमान अत्‍याधुनिक होंगे और मिशन के दौरान दुश्मन के इलाके में काफी अंदर तक निगरानी करने में सक्षम होंगे। 

प्रोजेक्‍ट का Block-I निर्धारित समय से देरी से हुआ लेकिन DRDO इसे कम समय में पूरा करने की योजना बना रहा है। IAF के पास तीन PHALCON AWACS सिस्‍टम है जो इसने इजरायल और रूस से खरीदा था। जिसके साथ इजरायल की ओर से रडार भी दिया गया।

सरकार को उम्‍मीद है कि इस प्रोजेक्‍ट को जल्‍द ही मंजूरी मिल जाएगी। एयर इंडिया फ्लीट पर AEW&C सिस्टम निर्माण की परियोजना का यह मतलब भी हो सकता है कि इंडिया छह एयरबस 330 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट की खरीद न करे जिसे यूरोपीय कंपनी से खरीदने की पहले योजना बनाई गई थी। योजना के अनुसार, छह नए विमानों को यूरोप भेजा जाएगा जहां इसका मॉडिफिकेशन किया जाएगा और रडार लगाए जाएंगे।  सूत्रों के अनुसार प्रोजेक्‍ट की प्लानिंग इस तरह से की गई है कि रक्षा और आत्मनिर्भर भारत में मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिल सके। 


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