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अमृतसर, वाराणसी समेत छह और हवाई अड्डों का होगा निजीकरण

इससे पहले सरकार छह हवाई अड्डों का निजीकरण कर चुकी है। निजीकरण का यह फैसला हवाई अड्डों की सुविधाओं में सुधार के लिए लिया गया है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 01 Dec 2019 10:43 PM (IST)Updated: Sun, 01 Dec 2019 10:43 PM (IST)
अमृतसर, वाराणसी समेत छह और हवाई अड्डों का होगा निजीकरण
अमृतसर, वाराणसी समेत छह और हवाई अड्डों का होगा निजीकरण

नई दिल्ली, प्रेट्र। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआइ) ने केंद्र से छह और हवाई अड्डों के निजीकरण की सिफारिश की है। सूत्रों के मुताबिक इन हवाई अड्डों में अमृतसर, वाराणसी, भुवनेश्वर, इंदौर, रायपुर और तिरुचिरापल्ली के नाम शामिल हैं।

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निजीकरण के जरिये सुविधाओं में सुधार का प्रयास

इससे पहले सरकार छह हवाई अड्डों का निजीकरण कर चुकी है। निजीकरण का यह फैसला हवाई अड्डों की सुविधाओं में सुधार के लिए लिया गया है।

पीपीपी मॉडल के तहत होगा निजीकरण

निजीकरण किए जाने वाले हवाई अड्डों का विकास पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के तहत किया जाएगा। एएआइ द्वारा भेजी गई इस सिफारिश को सरकार की स्वीकृति मिल जाने के बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय के पास भेज दिया जाएगा। मंत्रालय की देखरेख में ही आगे की प्रक्रिया संपन्न की जाएगी। एएआइ इस समय देशभर में 100 से अधिक हवाई अड्डों की देखरेख की जिम्मेदारी संभाल रहा है।

फरवरी में किया था छह हवाई अड्डों का निजीकरण

गौरतलब है कि इसी वर्ष फरवरी में छह हवाई अड्डों का निजीकरण किया गया था। इस दौरान अडानी ग्रुप सबसे बड़ी बोली लगाकर सभी हवाई अड्डों को हासिल करने में सफल रहा था। इनमें लखनऊ, अहमदाबाद, जयपुर, मंगलुरु, तिरुअनंतपुरम और गुवाहाटी के एयरपोर्ट शामिल थे। हालांकि अभी तक इन एयरपोर्ट में से सिर्फ तीन की लीज को आधिकारिक मान्यता मिली है।

उल्लेखनीय है कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण देशभर में 100 से ज्यादा हवाई अड्डों का परिचालन करता है। इस साल फरवरी में निजीकरण के पहले दौर में अडाणी समूह को सभी छह हवाई अड्डों के परिचालन का ठेका मिला था। एएआई ने विजेता का चुनाव ‘ प्रति यात्री शुल्क ’ के आधार पर किया था।

एयर इंडिया पर 58,000 करोड़ रुपये का कर्ज

एयर इंडिया के निजीकरण को लेकर चेयरमैन अश्विनी लोहानी ने लिखा खुला पत्र, कहा कि प्रतिबंध हमें आर्थिक रूप से विकलांग बनाते हैं. एयर इंडिया पर फिलहाल लगभग 58,000 करोड़ रुपये का कर्ज है।

कर्मचारी संगठनों किया विरोध

भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के विभिन्न कर्मचारी संगठन और संघों के एक संयुक्त मंच ने आरोप लगाया कि सरकार ने लाभ कमाने वाले दर्जनभर से ज्यादा हवाईअड्डों के निजीकरण का 'एकतरफा' फैसला किया है।


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